हेल्थ
सर्दियों से लड़ने को तैयार है आपका दिल?
नई दिल्ली| सर्दियां धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगी हैं और इसके साथ ही दिल और फेफड़ों के रोगों से पीड़ित होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ने लगी है। आलस की वजह से लोग अपने शरीर खासतौर से अपने दिल को तंदुरुस्त रखने पर ध्यान नहीं देते, जबकि सर्दियों में सबसे ज्यादा खतरा दिल को रहता है। दिल्ली के हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट में कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. के.के. सेठी कहते हैं, “ठंडे मौसम की वजह से दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे दिल में रक्त और ऑक्सीजन का संचार कम होने लगता है। इससे हाइपरटेंशन और दिल के रोगों वाले मरीजों में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ठंडे मौसम में ब्लड प्लेट्लेट्स ज्यादा सक्रिय और चिपचिपे होते हैं, इसलिए रक्त के थक्के जमने की आशंका भी बढ़ जाती है।”
डॉ. सेठी के मुताबिक, सर्दियों में सीने का दर्द और दिल के दौरे का जोखिम 50 फीसदी तक बढ़ जाता है। सर्दियों में धूप हल्की और कम निकलने के कारण मानव शरीर में विटामिन ‘डी’ की कमी भी हो जाती है। ऐसे में इस्केमिक हार्ट डिसीज, कंजस्टिव हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा, “सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं और लोग भी ज्यादा समय घर के अंदर ही बिताते हैं, इसलिए विटामिन ‘डी’ की कमी ज्यादा होती है। सर्दियों में उचित मात्रा में धूप सेंकना बेहद जरूरी है।”
मेडीसिटी हॉस्पिटल के इलेक्ट्रोफिजीयोलॉजी एंड पेसिंग विभाग के चेयरमैन डॉ. बलबीर सिंह बताते हैं, “इस मौमस में हम अक्सर बढ़ी उम्र के लोगों में सर्दियों से जुड़ा अवसाद देखते हैं। इससे तनाव बढ़ता है और हाइपरटेंशन होने से, पहले से कमजोर दिल पर और दबाव पड़ जाता है।”
वह कहते हैं, “सर्दियों के अवसाद से पीड़ित लोग ज्यादा चीनी, ट्रांसफैट और सोडियम व ज्यादा कैलोरी वाला आरामदायक भोजन खाने लगते हैं, जो मोटापे, दिल के रोगों और हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है। इस मौसम में शरीर को गर्मी प्रदान करने के लिए दिल ज्यादा जोर से काम करने लगता है और रक्त धमनियां और सख्त हो जाती हैं। ये सब चीजें मिलकर हार्ट अटैक को बुलावा देती हैं।”
डॉ. सिंह का मानना है कि उम्रदराज और उन लोगों को, जिन्हें पहले से दिल की समस्याएं हैं, छाती में असहजता, पसीना आना, जबड़े, कंधे, गर्दन और बाजू में दर्द के साथ ही सांस फूलने की समस्या बढ़ जाती है। सर्दियों में ऐसे तकलीफों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
उनकी सलाह है कि नियमित रूप से व्यायाम करें और संतुलित व पौष्टिक भोजन लें, ताकि इन समस्याओं से बचा जा सके।
दोनों चिकित्सा विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस मौसम में अगर आपके रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) में कोई असामान्य बदलाव नजर आए, तो दिल को सुरक्षित रखने के ख्याल से तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें।
कुछ अन्य सलाह :
* मौसम के हिसाब से जीवनशैली में बदलाव लाएं
* ठंडे मौसम में कम थकान वाला व्यायाम करें
* जॉगिंग, योग और एरोबिक्स करते हों, तो उसे जारी रखें
* सुबह जल्दी और देर रात तक बाहर रहने से परहेज करें
* सर्दियों में शराब और सिगरेट से दूर ही रहें तो अच्छा।
लाइफ स्टाइल
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।
हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?
हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।
शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?
हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।
क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।
गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।
इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।
डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
-
लाइफ स्टाइल8 hours ago
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
-
ऑफ़बीट2 days ago
बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन
-
नेशनल3 days ago
आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित
-
नेशनल3 days ago
संजय राउत को महाराष्ट्र के नतीजे मंजूर नहीं, कहा- ये कैसा लोकतंत्र है, प्रदेश की जनता के साथ हुई बेईमानी
-
खेल-कूद2 days ago
IND VS AUS : दूसरी पारी में मजबूत स्थिति में भारत, केएल राहुल और यशस्वी ने जड़ा अर्धशतक
-
नेशनल3 days ago
महाराष्ट्र के रुझानों में महायुति को प्रचंड बहुमत, MVA को तगड़ा झटका
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार