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बिजनेस

सोनी ने 50 गुना जूम वाला साइबर-शॉट एचएक्स350 कैमरा उतारा

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sony hx300 cybershot cameraनई दिल्ली। तस्वीर खींचने के अनुभव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाते हुए सोनी इंडिया ने सोमवार को साइबर-शॉट एचएक्स350 कैमरा 59 गुणा जूम की क्षमता के साथ 28,990 रुपये की कीमत में बाजार में उतारा। साइबर-शॉट एचएक्स350 में प्रभावी और सटीक तस्वीरें खींचने के लिए 20.4 मेगापिक्सल का उच्च रेजोल्यूशन क्षमता का बैक-इल्यूमिनेटेड एक्समोर आर सीएमओएस सेंसर और ‘बीआइओएनजेड एक्स’ इमेजिंग प्रोसेसर है।

कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा, “यह कार्ल जेइस वेरियो सोनार टी कोटिंग लेंस के 50 गुणा ऑप्टिकल जूम की क्षमता से लैस है। इसका लेंस 24 एमएम वाइड एंगल से लेकर 1,200 एमएम सुपर टेलोफोटो (35 एमएम फॉर्मेट के समकक्ष) तक है। कैमरा में क्लियर इमेज जूम फीचर है जो दूर की इमारतों, लोगों और जानवरों को बेहद करीब ले आता है।”

इस कैमरे में इसके अलावा ‘ऑप्टिकल स्टीडीशॉट’ फीचर्स है जो हाथ से फोटो खींचने के दौरान कैमरा हिलने से फोटो को खराब होने से बचाता है तथा इसमें फुल एचडी वीडियो रिकार्डिग की क्षमता है।

कंपनी ने कहा कि इस कैमरे का हाइ-कंट्रास्ट इलेक्ट्रॉनिक व्यूफाइंडर उतना ही सटीक है जितना किसी डीएसएलआर कैमरे का होता है, जिसके साथ मैनुअली टिल्टेबल 7.5 सेंटीमीटर का 921 डॉट रेजोल्यूशन क्षमता वाला एलसीडी व्यूफाइंडर भी है।

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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