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मुख्य समाचार

हज सब्सिडी समाप्त होने पर हाजियों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि

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नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)| साल 2018 की शुरुआत में हज सब्सिडी समाप्त होने के बाद रिकॉर्ड 1,75,025 भारतीय सऊदी अरब जा रहे हैं।

इसके साथ ही मेहरम (पुरुष साथी) के साथ हज जाने वाली महिला हाजियों की संख्या 47 फीसदी दर्ज की गई। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यहां अनुकूलन सह प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहा, आजादी के बाद पहली बार इस साल भारत से 1,75,025 मुसलमान हज के लिए जा रहे हैं। इनमें रिकॉर्ड 47 फीसदी संख्या महिला हाजियों की शामिल है।

उन्होंने कहा कि हज सब्सिडी हटाने और सऊदी अरब में कई नए कर लागू करने के बावजूद इस साल भारत से कई मुसलमान बिना किसी अतिरिक्त आर्थिक बोझ लिए हज के लिए जा रहे हैं। हालांकि विमानन कंपनियों को इस साल यात्रियों से 57 करोड़ रुपये कम मिलेंगे।

नकवी ने कहा, हज सब्जिडी खत्म होने के बावजूद विमानन कंपनियों को 57 करोड़ रुपये कम भुगतान किए जाएंगे। पिछले साल जहां 1,24,852 हज यात्रियों ने किराए के तौर पर विमानन कंपनियों को 1,030 करोड़ रुपये दिए, वहीं इस वर्ष भारतीय हज समिति के जरिए हज जाने वाले 1,28,702 हाजी किराए के तौर पर सिर्फ 973 करोड़ रुपये देंगे।

मंत्री ने कहा कि हज यात्रियों को पहली बार जहाज पर चढ़ने के विकल्प दिए गए, जिसे काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने कहा कि 2018 में हज के लिए कुल 3,55,604 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 1,89,217 पुरुष तथा 1,66,387 महिलाएं आवेदनकर्ता थे।

उन्होंने कहा, यह पहली बार हुआ कि भारत से 1,308 महिलाएं बिना मेहरम के हज यात्रा पर गईं।

उन्होंने बताया कि महिला हाजियों की सहायता करने के लिए हज संयोजक, सहायक हज अधिकारी, हज सहायक और स्वास्थ्य कर्मियों सहित कुल 98 महिला कर्मी तैनात हैं।

उन्होंने कहा कि हज के लिए उड़ानें 14 जुलाई से शुरू होंगी, जब दिल्ली, गया, गुवाहाटी, लखनऊ और श्रीनगर के हजयात्री हज पर जाएंगे। 17 जुलाई को कोलकाता, 20 जुलाई को वाराणसी, 21 जुलाई को मेंगलोर, 26 जुलाई को गोवा और 29 जुलाई को औरंगाबाद, चेन्नई, मुंबई और नागपुर के यात्री हज के लिए उड़ान भरेंगे।

रांची के यात्री 30 जुलाई, अहमदाबाद, बेंगलुरू, कोचीन, हैदराबाद और जयपुर के यात्री एक अगस्त तथा भोपाल के यात्री तीन अगस्त को हज के लिए उड़ान भरेंगे।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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