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हरियाणा : खट्टर अमेरिका, कनाडा में प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे

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चंडीगढ़| हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर नौ दिवसीय अमेरिका और कनाडा दौरे पर हरियाणा के विभिन्न व्यापार संगठनों के प्रमुखों की मौजूदगी वाले प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे। दौरा 16 अगस्त को शुरू हो रहा है, जो 24 अगस्त को समाप्त होगा। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां मंगलवार को कहा कि हरियाणा के उद्योग और वाणिज्य मंत्री कैप्टन अभिमन्यु भी प्रतिनिधिमंडल के साथ जाएंगे।

प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क, वाशिंगटन, सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका), वैंकूवर और टोरंटो (कनाडा) भी जाएगा।

प्रवक्ता ने कहा, “यह अमेरिका एवं कनाडा के अग्रणी उद्योगपतियों और गैर प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के साथ विचार-विमर्श करेगा। उद्देश्य हरियाणा के लिए निवेशकों को आकर्षित करना होगा।”

प्रवक्ता ने कहा, “इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल यूएस इंडियन बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) और कनाडा इंडिया बिजनेस काउंसिल (सीआईबीसी) के साथ भी बैठकें करेगा।”

हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। दौरा 24 अगस्त को खत्म होगा।

यह खट्टर की पहली विदेश यात्रा है। उन्होंने अक्टूबर 2014 को हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पहले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।

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देवताल-माणापास लोक विरासतीय यात्रा-2024 सम्पन्न

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वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रशेखर जोशी की रिपोर्ट

लोक विरासतीय देवताल- माणापास लोकयात्रा आज सम्पन्न हो गयी। 2015 से उत्तराखंड के पूर्व केबिनेट मंत्री स्व. मोहनसिंह रावत “गांववासी” द्वारा शुरू की गई इस यात्रा को प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है। शुक्रवार सुबह बदरीनाथ धाम से लोकयात्रा ने प्रस्थान किया। जय बदरीविशाल के जयघोष के साथ यात्रा बदरीधाम से 55 किमी दूर उच्च हिमालय स्थित माणापास-देवताल पहुंची।

देवताल में तीर्थयात्रियों ने पूजा-अर्चना की और अपने पितरों को भी पवित्र सरोवर का जल अर्पण किया। इस बार प्रशासन ने 54 लोगों को यात्रा पर जाने की अनुमति दी थी। आईटीबीपी और सेना के जवानों ने तीर्थ यात्रियों को रास्तेभर सुविधा दी और जलपान-भोजन का भी इंतज़ाम किया था।

देवताल चमोली गढवाल में देश की सबसे ऊंचाई की झील है। लगभग 18000 फ़ीट पर इसी पवित्र सरोवर से देवनदी सरस्वती का उद्गम है। माना जाता है कि देवताल में देवता स्नान करते हैं। 1962 से पूर्व भारत-तिब्बत व्यापार का यह प्रमुख रास्ता था। लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इसको बंद कर दिया गया था।

इस अवसर पर प्रोफे.सुभाष चंद्र थलेडी ने बताया कि देवताल-माणापास से कैलाश मानसरोवर के रास्ते को खोलने के लिए सरकार को विचार करना चाहिए, क्योंकि यह रास्ता नजदीक और सुगम है। साथ ही सीमा तक सड़क मार्ग से जुड़ा है। इससे तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी। इसी के साथ देवताल जाने के लिए भी स्थानीय तीर्थ यात्रियों को सुगमता से जाने-आने की सुविधा भी दी जानी चाहिए।

देवताल में पूर्व मंत्री स्व.मोहनसिंह रावत के नेतृत्व में बने हनुमान मंदिर में। भी पूजा अर्चना की गई। “गांववासी अमर रहे’ के नारों से देवताल गूंज उठा।

पंडित भास्कर डिमरी के संयोजन में इस यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा में बी.डी. सिंह, प्रोफे. (डॉ.) सुभाष चंद्र थलेडी, डॉ. श्रीनंद उनियाल, पंकज डिमरी, अभिषेक भंडारी, दीपा रौथाण, संजीव रौथाण, डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. चेतना पुरोहित, सिद्धार्थ उनियाल, पंकज हटवाल आदि समेत लगभग चार दर्जन यात्री शामिल हुए।

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