Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

हिंदुत्व का धर्म से कोई लेना-देना नहीं : दिग्विजय

Published

on

digvijay-singh-FIR

Loading

भोपाल| कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कई संगठन देश के बंटवारे के समय से ही आज तक देश को फिरकापरस्ती के रूप में बांटने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि हिंदुत्व का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस के 130वें स्थापना दिवस के अवसर पर भोपाल स्थित मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित समारोह में सिंह ने रविवार को कहा, “सर्वधर्म सद्भाव हमारी संवैधानिक विरासत है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन और प्रचार का मौलिक अधिकार है, किंतु जिस तरह हिन्दुत्व और धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिशें की जा रही हैं, उससे सियासतें तो जिंदा रह सकती हैं, देश जिंदा नहीं रह सकेगा।”

सिंह ने कहा, “कांग्रेस ने लंबे संघर्ष के बाद देश को आजादी दिलाई और इस आजादी के बाद सियासी युद्घ तो कई हुए किंतु धार्मिक युद्घ नहीं हुए, जबकि ईसाई समुदाय और इस्लामिक धर्मावलंबी भारत आए और यहां से चले भी गए।”

उन्होंने आगे कहा, “भारत इसलिए जाना जाता है, क्योंकि यहां समान अवसर और सम्मान के साथ सभी धर्मों को आदर दिया जाता है। कांग्रेस पार्टी की नजर में जबरन धर्मांतरण अनुचित है। देश के बंटवारे के समय से ही कई संगठनों ने आज तक फिरकापरस्ती के रूप में देश को बांटने की कोशिशें की हैं। जहां तक हिन्दुत्व का प्रश्न है, उसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।”

दिग्विजय ने कहा, “हिन्दुत्व का उपयोग उन सावरकर ने किया जो स्वयं सनातन धर्म का पालन नहीं करते थे। हमारा धर्म सनातन है और सभी को अपने-अपने धर्म के पालन और प्रचार का अधिकार है।”

कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, “आज धर्मांतरण को लेकर दोहरी परिभाषा, परिभाषित की जा रही है। ऐसे घृणित मुद्दों से हटकर आज सबसे बड़ी आवश्यकता देश के विकास और एकजुटता की है। गोडसे का मंदिर, रामजादा और हरामजादे जैसे आचरण और शब्दों को भारतीय राजनीति में सराहा नहीं जा सकता है।”

दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेसजन इस विषम दौर में स्थापना दिवस पर पार्टी की मजबूती के लिए संघर्ष करने का संकल्प लें। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लक्ष्मणदास केसवानी, अनिरूद्घ प्रसाद शास्त्री, मंगू देवी, हबीब नजर, मो जमीर, कल्पना देवी तथा पंचमती देवी को शॉल-श्रीफल देकर सम्मान किया गया।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

Published

on

By

Loading

महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

Continue Reading

Trending