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प्रादेशिक

होली का रंग बढ़ाएगी ठंडई की खुशबू

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लखनऊ| होली के मौके पर यूं तो अब नशे के लिए कई तरह के पेय पदार्थ हैं, लेकिन देश के इस हिस्से में देश के उत्तरी हिस्से की तरह होली बच्चुओं के लिए एक खेल का एक बड़ा टिकट ही लेकर आता है। भांति-भांति की पिचकारी से भले ही मौसम अपना जो रंग दिखाए यहां शहर के विस्तृत भूभाग में शुक्रवार को होली धूमधाम से होना तय है।

और जब लोग विभिन्न रंगों, ब्रांडों और स्वादों वाले पेय में डुबकी लगाने के लिए जमा होंगे तब बिना नशे का पेय पदार्थो का राजा ‘ठंडई’ अपने शबाब पर होगा। यह पेय मेबों, केसरिया और चुने हुए मसालों का मिश्रण होता है। इससे इतर भांग का योगदान शहर के पुराने लोगों को अपने बाल खुले रखने में मददगार होगा।

लेकिन बदलते समय में ठंडई में बहुत सा बदलाव आ चुका है। चूंकि त्योहार के रंग में अन्य चीजें भी शामिल हैं तो ठंडई भी अब कई रंगों और प्रकारों में उपलब्ध है। पुराने शहर में ठंडई की पुरानी परंपरा आज भी चलन में है जिसमें ढेर सारा दूध, काली मिर्च का पाउडर, सौंफ, गुलाब की पंखुड़ियां, काजू, बादाम और बहुत कुछ रहता है। नए युग की ठंडई निश्चित रूप से व्यस्त रहने वालों की पहली पसंद है।

बाजार में उपलब्ध ठंडई मिश्रण नए स्वादों और खुशबुओं की पेशकश है। इसमें ‘आम इमली’, ‘स्ट्राबेरी’, ‘नींबू’, ‘शाही केवड़ा’, ‘आम’, ‘गुलाब’, ‘केसरिया’ और ‘सूखे बादाम का सीरप’ आदि होते हैं।

इस बार की होली के लिए अपनी पसंद के ब्रांडों की ठंडई की बोतलें लेने वाले पुलकित टंडन ने आईएएनएस को बताया, “विभिन्न श्रेणी के कई प्रकार हमें बेहतर स्थिति में ला खड़ा करते हैं। हमारे पास स्वाद भी होता है और हम पुरानी परंपरा के साथ भी जुड़े रहते हैं।”

आईटी पेशेवर गौरव सिंह ने होली के लिए ठंडई के बेहतर विकल्प होने के पक्ष में दलील पेश करते हुए कहा, “जहां अन्य नशीले पेय हर समय के लिए होते हैं, वहीं ठंडई एक दिन के लिए है और हम पूरी तरह इसका आनंद लेते हैं।”

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उत्तर प्रदेश

शहरी और ग्रामीण श्रमिकों के लिए रोजगार के वृहद अवसर दे रहा है प्रयागराज महाकुंभ

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प्रयागराज । प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को एक तरफ जहां योगी सरकार दिव्य और भव्य बना रही है तो वहीं दूसरी तरफ महाकुंभ श्रमिकों के लिए भी रोजगार का एक बड़ा अवसर साबित होने जा रहा है। महाकुंभ में विभिन्न कार्यों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है। जिला नगरीय विकास अभिकरण और श्रम विभाग की इसमें अधिक सहभागिता है।

जिला नगरीय विकास अभिकरण दे रहा 1100 कुशल और अकुशल श्रमिकों को रोजगार

प्रयागराज में जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ से हजारों बेरोजगार हाथों को काम भी योगी सरकार दे रही है। श्रम विभाग , पर्यटन के अलावा जिला नगरीय विकास अभिकरण भी इसमें अग्रणी है। प्रयागराज की जिला नगरीय विकास अभिकरण ( डूडा ) परियोजना अधिकारी प्रतिभा श्रीवास्तव बताती हैं कि इस बार महाकुंभ में डूडा की तरफ से 1100 से अधिक स्किल्ड और अन स्किल्ड श्रमिकों को अस्थाई रोजगार दिया जा रहा है। मेला प्राधिकरण , नगर निगम प्रयागराज और सहायक निदेशक स्वास्थ्य की मांग पर ये श्रमिक उपलब्ध कराए जा रहे हैं जो महाकुंभ के कार्यों में लगाए जायेंगे। आपूर्ति किए जा रहे श्रमिकों में सबसे अधिक मेला प्राधिकरण को 480 ड्राइवर, 160 हेल्पर और 24 सुपरवाइजर दिए जा रहे हैं । इसके अलावा नगर निगम को 300 सफाई कर्मी, 50 ड्राइवर, 40 मलवा श्रमिक और 20 माली डूडा उपलब्ध करा रहा है। स्वास्थ्य विभाग को डूडा की तरफ से 97 कंप्यूटर ऑपरेटर्स दिए जा रहे हैं। इन श्रमिकों को महाकुंभ के आयोजन की अवधि में अस्थाई रोजगार प्रदान किया जा रहा है।

श्रम विभाग की तरफ से 25 हजार श्रमिकों को महाकुंभ में मिलेंगे रोजगार के अवसर

श्रमिक वर्ग को रोजगार से संयुक्त करने के लिए प्रदेश के श्रम विभाग की तरफ से किए जा रहे प्रयासों के अतिरिक्त प्रयागराज में 2025 में लगने जा रहा महाकुंभ भी इसके लिए बड़ा जरिया बनेगा।
उप श्रमायुक्त राजेश मिश्रा बताते हैं कि महाकुंभ की तैयारियों में 25 हजार से अधिक श्रमिकों को काम दिया जा रहा है । महाकुंभ के विभिन्न विभागों के कार्यों को कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से इन श्रमिको का अस्थाई रोजगार दिया जाएगा। श्रम विभाग में इन श्रमिकों का पंजीयन कराया गया है ताकि प्रदेश सरकार की श्रमिक कल्याण की विभिन्न योजनाओं से इन्हे आच्छादित भी किया जा सके।

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