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मुख्य समाचार

पुराने नोट बदलने को गांवो में शिविर लगाए केंद्र : सीएम अखिलेश

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CM Akhileshलखनऊ। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की ओर से देश में 500 रुपये व 1,000 रुपये के नोट बंद किए जाने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह गावों में विशेष शिविर लगाकर नोट बदलने की व्यवस्था करे, ताकि लोगों को परेशानी न हो।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि केंद्र सरकार को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इन नोटों के बंद होने से गांवों के निवासियों, गरीबों व किसानों को कोई असुविधा न हो।

उन्होंने कहा है कि आम नागरिकों और व्यापारियों को नोटों के बदलाव में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

अखिलेश ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बैंक शाखाओं की संख्या कम होने के कारण केन्द्र सरकार को इन इलाकों में विशेष शिविर लगाकर पुराने नोटों को बदलने की व्यवस्था करनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश

कौन है भोले बाबा, जिनके सत्संग में मची भगदड़ में गई सैकड़ों जानें

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा भोले के सत्संग में मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई है। जबकि 200 से ज्यादा घायल हैं। मृतकों में अभी कईयों की पहचान नहीं हो पाई है। इसके लिए प्रशासन की ओर मृतकों की सूची जारी की गई है। इस बीच एक सवाल उठने लगा है कि आखिर वह भोले बाबा कौन है, जिनका सत्संग सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थें।भोले बाबा के नाम से विख्यात बाबा पश्चिमी यूपी में काफी लोकप्रिय हैं। इनका सत्संग सुनने के लिए आसपास के राज्यों से भी लोग आते हैं और लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं।

भोले बाबा का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था। पटियाली तहसील में गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को गुप्तचर यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो का पूर्व कर्मचारी बताते हैं। उनका दावा है कि 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे। उनका दावा है कि 18 साल की नौकरी से VRS लेने के बाद भगवान से साक्षात्कार हुआ। नौकरी से त्यागपत्र देकर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए। पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में तेजी से प्रभाव बनाने वाले भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है। बताया जाता है कि कई IAS-IPS भी उनके भक्त हैं। उनके सत्संग नें बड़े नेता और अधिकारी भी पहुंचते हैं। भोले बाबा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली समेत देशभर में लाखों अनुयायी हैं।

आपको बता दें कि भोले बाबा अन्य लोगों की तरह भगवाधारी ना होकर सफेद सूट और सफेद जूता पहनते हैं। इसके उलट बाबा के सेवादार काले कपड़ों में दिखाई देते हैं। ये सेवादार प्रत्येक मंगलवार को होने वाले कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी जैसे भोजन, पानी और ट्रैफिक संभालते हैं। बाबा की खासियत है कि भले ही उनके सोशल मीडिया पर ढेरों फालोवर ना हों लेकिन जमीनी स्तर पर बाबा के लाखों भक्त हैं।

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