प्रादेशिक
पुलिस भर्ती में नहीं होगी लिखित परीक्षा-अखिलेश यादव
लखनऊ। सीएम अखिलेश यादव ने आज एनेक्सी में कैबिनेट बैठक के दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और कई प्रस्तावों को मंजूरी मिली। कैबिनेट की बैठक में ‘क्लीन स्कूल-ग्रीन स्कूल योजना’ के तहत 100 स्कूलों के चयन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गयी है। इसमें स्कूलों में शिक्षकों की निगरानी में बच्चों और अभिभावकों के क्लब बनेंगे। इसका उद्देश्य उन्हें साफ-सुथरे पर्यावरण का महत्व समझाना है।
पुलिस भर्ती में अब लिखित परीक्षा न कराने की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद आज की कैबिनेट बैठक में आरक्षी और मुख्य आरक्षी सेवा नियमावली में संशोधन किया गया और इससे संबंधित प्रस्ताव में पुलिस में भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के स्थान पर हाईस्कूल और इंटमीडिएट की परीक्षा के अंक, शारीरिक दक्षता और दौड़ का प्रावधान किया गया.इसके अलावा केंद्रीय सुरक्षा बल की तर्ज पर पीएसी के जवानों को भी केंद्रीय पुलिस कैंटीन से मिलने वाला सामान करमुक्त करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गयी है।
कैबिनेट में इन प्रस्ताओं को मिली मंजूरी —-
PAC कर्मचारियो के लिए टैक्स रहित कैंटीन को मंजूरी
यूपी मे 100 नए GIC स्कूल खुलेंगे,गोरखपुर में कुश्ती हाल,एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान का निर्माण होगा
अयोध्या शोध संस्थान के कर्मियो और राज्य ललित कला अकादमी में भी कर्मियों का 60 साल मे रिटायरमेंट
भारतेंदु नाट्य अकादमी में 60 साल में रिटायरमेंट,बुंदेलखंड मे ब्लास्ट वेल योजना चलाने को मंजूरी
35 हजार पुलिस कर्मियों की भर्ती होगी , और इसके लिए अब लिखित परीक्षा नहीं देनी होंगी बल्कि मेरिट के आधार पर ही इनकी भर्ती होगी
यूपी खादी ग्रामोद्योग के नए भवन निर्माण का प्रस्ताव मंजूर,
सिपाही और दीवान सेवा नियमावली का प्रख्यापन मंजूर,
2015-16 के लिए ईंट-भट्ठा समाधान योजना प्रस्ताव पास,
मुख्यमंत्री और राज्यपाल के स्टॉफ का भत्ता बढ़ेगा,
प्रदेश में नई शीरा नीति में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर,
बेल-230 हेलीकॉप्टर को बेचने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी,
सैफई हवाई पट्टी पर नाइट लैंडिंग निर्माण की स्वीकृति,
इस मौके पर अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती के उस बयान पर भी निशाना साधा जिसमे मायावती ने राज्यसभा में यह मांग उठायी थी की सवर्ण गरीबों के लिए भी आरक्षण होना चाहिए। अखिलेश ने कहा की बसपा के बारे में कुछ नहीं बोलना और जी एस टी पर बिना कोई समझे बोल रहा है उसके पक्ष में। अभी चर्चा बाकी है और आबादी के हिसाब से हम ज्यादा है।
यही नहीं कैबिनेट बैठक ख़त्म होने के बाद सचिवालय से निकलते वक़्त अखिलेश यादव ने जहां एक तरफ सूखे पर केंद्र को घेरा तो स्मारक के मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो पर भी निशाना साध कर उत्तर प्रदेश में जुबानी जंग तेज़ कर दी।
IANS News
महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद
प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।
मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र
इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।
पलक झपकते काम करेगी तकनीक
महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।
फोटो से मिलान करेगा एआई
महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।
पहचान का देना होगा प्रमाण
जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।
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