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नेशनल

सैलजा की जातीय पक्षपात की टिप्पणी पर राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही बाधित

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नई दिल्ली| राज्यसभा में गुरुवार को भी कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के उस दावे पर सत्तापक्ष और विपक्ष में ठनी रही, जिसमें उन्होंने गुजरात के एक मंदिर में जातीय आधार पर अपने साथ भेदभाव की बात कही है। इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

सदन की कार्यवाही सबसे पहले सुबह 11.44 बजे स्थगित की गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अपने बुधवार के उस बयान पर खेद जताया, जिसमें उन्होंने सैलजा के दावे को ‘बनावटी भेदभाव’ कहा था।

विपक्षी सदस्यों का विरोध समाप्त नहीं हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार फिर दोपहर 12.07 बजे 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म करने के लिए सभापति हामिद अंसारी ने एक बैठक भी बुलाई।

लेकिन, इस मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा। हंगामे को देखते हुए उप सभापति पी.जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही 12.17 बजे फिर स्थगित कर दी।

इससे पहले बुधवार को भी सैलजा के इस दावे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तनातनी हो गई थी, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी थी।

राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली ने बुधवार को संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था कि सैलजा के दावे मंदिर की आगंतुक पुस्तिका में लिखी उनकी ही बातों से मेल नहीं खाते, जिसमें उन्होंने मंदिर की प्रशंसा की है।

इस पर सैलजा ने कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी में स्पष्ट कर दिया है कि मुख्य द्वारका मंदिर में ऐसा नहीं था। वहां पुजारी बहुत अच्छे थे।

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

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नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

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