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महिलाओं के स्वावलंबन से ही होगा विकासः विधू शर्मा

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महिलाओं के स्‍वावलंबन, हंस फाउंडेशन की प्रवक्‍ता विधू शर्मा

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महिलाओं के स्‍वावलंबन, हंस फाउंडेशन की प्रवक्‍ता विधू शर्मा

देहरादून। हंस फाउंडेशन खासतौर महिलाओं के लिए सिर्फ उत्तराखण्ड में ही नहीं बल्कि पूरे देश में कार्य करती है, महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए फाउंडेशन कई तरह के कार्यक्रम चलाता है क्योंकि महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर ही हम समाज को विकसित कर सकते हैं। उक्त बातें गैर सरकारी संगठन हंस फाउंडेशन की प्रवक्ता विधू शर्मा ने आज की खबर के उत्तराखण्ड के संपादक टी.एस.बिष्ट से एक साक्षात्कार में कहीं ।

हंस फाउंडेशन की प्रवक्ता विधू शर्मा से एक्सक्लूसिव बातचीत

महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के अपने प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए विधू शर्मा ने बताया कि ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में पहाड़ी फलों के जूस बनाने, उन्हीं सेंटरों पर कुशल कामगार महिलाओं द्वारा सिलाई-बुनाई कर बनाए गए कपड़ों व स्वेटरों इत्यादि को नीचे लाकर मैदानी क्षेत्रों में बेंचकर उन्‍हे आर्थिक स्वावलंबन प्रदान करने का कार्य फाउंडेशन करता है। केदारनाथ आपदा में पीडि़त परिवारों खासतौर पर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के‍ बारे में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में विधू शर्मा ने बताया कि हंस फाउंडेशन ने केदारनाथ आपदा में पीडि़त परिवारों के लिए कई प्रोजेक्ट लाने पर विचार कर रही है, इसके अलावा हम उन पीडि़त 1700 परिवारों को पेंशन देने जा रहे हैं कुछ परिवारों को तो देना शुरू भी कर दिया है।

उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी समस्या पलायन व नशाखोरी के बारे में पूछ गए एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि नशाखोरी को तो केवल जागरूकता के माध्यम से ही रोका जा सकता है जहां तक पलायन की बात है तो हम लोग पहाड़ी बच्चों को शिक्षित कर उन्हें सक्षम बनाने का प्रयास करते हैं ताकि वो कहीं पलायन न करके अपने क्षेत्र में कार्य कर सकें। इसके लिए हम स्कूलों में पहाड़ी बच्चों को ही पढ़ाते हैं और अपने अस्पतालों में स्थानीय लोगों को ही काम पर रखते हैं। चिकित्सकों के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में विधू शर्मा ने बताया कि हम डाक्टरों को इतनी सुविधा दे रहे हैं जिससे वे उन पहाड़ी स्थानों पर बनाए गए अस्पतालों में टिक कर काम कर सकें। दिल्ली से हम समय-समय पर विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम भी भेजते रहते हैं। सरकारी सहायता के बारे में उनका कहना था कि अभी हमें कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है और न ही हमने कोई आवेदन किया है।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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