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उत्तराखंड

आन्तरिक कलह से ही कांग्रेस में फूट: कोश्यारी

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आन्तरिक कलह से ही कांग्रेस में फूट, राष्ट्रपति शासन से सहमी कांग्रेस, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी

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आन्तरिक कलह से ही कांग्रेस में फूट, राष्ट्रपति शासन से सहमी कांग्रेस, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी

देहरादून। भाजपा सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उत्तराखंड में टूट के लिए कांग्रेस स्वयं ही जिम्मेदार है। इसमें मोदीजी का नाम जबरदस्ती घसीटा जा रहा है। कांग्रेस के घर का चिराग खुद ही घर में आग लगा रहा है। अगर हरीश रावत ये बात लगातार बोलेंगे तो जनता यही कहेगी कि रावत खिसयानी बिल्ली की तरह खंभा नोंच रहे हैं। यहां राजपुर रोड स्थित एक होटल में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि कांग्रेस का इतिहास बताता है कि 1975 से 1977 में इमरजेंसी के दौरान कई नेताओं को जेल में डाला गया था। इससे ही दुःखी होकर मोरारजी देसाई, चन्द्रशेखर और हेमवती नन्दन बहुगुणा जी ने कांग्रेस को छोड़ा था।

राष्ट्रपति शासन से सहमी कांग्रेस

कोश्यारी ने कहा कि भाजपा के एक विधायक को कांग्रेस अपनी जेब में लेकर घूम रही है, अब वह नैतिकता कहां गई। अब जबकि उनके स्वयं नौ विधायक बागी हो गये हैं तो कांग्रेस भाजपा पर आरोप क्यों लगा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने में भाजपा का कोई हाथ नहीं है। वहीं दूसरी ओर राष्ट्रपति शासन में कानून व्यवस्था को आधार बनाने को लेकर सहमी कांग्रेस अब धारा 144 के खिलाफ खुलकर मैदान में उतरने का एलान कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भूख हड़ताल तक की धमकी दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुताबिक पौड़ी के बुघानी गांव में धारा 144 लगाना यह साबित करता है कि भाजपा किसी कीमत पर यह नहीं चाहती कि कांग्रेस लोगों तक अपनी बात पहुंचाए। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर इसी मानसिकता का परिचय दिया जा रहा है। रावत ने कहा कि वे लोकतंत्र बचाओ यात्रा को जारी रखेंगे। उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी भी दी। कांग्रेस का मानना है कि राष्ट्रपति शासन को न्यायोचित ठहराने के लिए शांति व्यवस्था के भंग होने को आधार बनाया जा सकता है। ऐसी स्थिति में धारा 144 के लागू होने के बाद से ही कांग्रेस फूंक-फूंककर कदम रख रही है। हाल यह है कि पांच अप्रैल को सितारगंज में प्रस्तावित कार्यक्रम किशोर ने रद्द कर दिया है। अब इस कार्यक्रम का आयोजन नौ अप्रैल को होगा।

 

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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