Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

उत्तराखंड में महंगाई की एक और डोज

Published

on

उत्तराखंड में महंगाई की एक और डोज, पांच फीसद महंगी की गई बिजली, घरेलू श्रेणी की दरों में 26 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा

Loading

उत्तराखंड में महंगाई की एक और डोज, पांच फीसद महंगी की गई बिजली, घरेलू श्रेणी की दरों में 26 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा

देहरादून। उत्तराखंड में नये वित्तीय वर्ष में पानी के बाद अब उपभोक्ताओं को बिजली भी झटका देने को तैयार है। विभिन्न श्रेणी में बिजली की दरों में पांच फीसद की बढ़ोतरी करते हुए घरेलू श्रेणी की दरों में 26 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा किया गया है। विद्युत नियामक आयोग ने नई बिजली दरें जारी करते हुए इसकी पुष्टि की है। बिजली दरों में इजाफे के बाद अब घरेलू उपभोक्ताओं की औसतन 26 पैसे प्रति यूनिट चुकानी होगी. वहीं, कॉमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए औसत वृद्धि 28 पैसे प्रति यूनिट की गई है। हालांकि यह वृद्धि दर पिछले वर्ष के मुकाबरे 2.14 फीसद कम है। फिक्स चार्ज में भी खपत के हिसाब से न्यूनतम पांच रुपये और अधिकतक 30 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इसके तहत, लंबी अवधि के लिए दो कंपनियों गामा गैस पावर प्लांट और बुधिल हाइड्रो से करार किया गया है। यह डील सीमित दरों में बिजली खरीदने के लिए किया गया है।

पांच फीसद महंगी की गई बिजली

ज्ञात हो कि उत्तराखंड पावर कारपोरेशन की ओर से उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) को बिजली कीमतों में 25 प्रतिशत इजाफे का प्रस्ताव दिया था। जिसे खारिज करते हुए यूईआरसी ने उपभोक्ताओं को राहत दी है। यूईआरसी ने पिछले साल बिजली के दामों में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जबकि इस साल 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। इस वर्ष दो कंपनियों ने 25 साल के लिए विद्युत क्रय का एमओयू किया गया है। प्रदेश का बिजली विभाग 15 हजार करोड़ के घाटे में चल रहा है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने कहा कि यह घाटा देश में अन्य प्रदेशों की तुलना में सबसे कम है। साथ ही पूरे देश में उत्तराखंड सबसे सस्ती बिजली दे रहा है। अन्य राज्यों में बिजली विभाग का घाटा कई गुना है।

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने बिजली की नई दरें घोषित कीं। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगम ने विभिन्न निवेश का हवाला देते हुए दरों में 24.96 फीसद बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। प्रदेश भर में की गई जन सुनवाई व परीक्षण के बाद निगम के कई तर्कों को खारिज करते हुए नई दरें में 4.99 फीसद बढ़ोतरी पर मुहर लगाई गई। उन्होंने बताया कि बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए ऊर्जा निगम समेत उत्तराखंड जल विद्युत निगम व उत्तराखंड विद्युत पारेषण निगम को 2104 करोड़ रुपये निवेश की स्वीकृति दी गई है।

 

 

उत्तराखंड

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता का किया धन्यवाद

Published

on

Loading

देहरादून: केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। ब्रांड मोदी के साथ साथ ब्रांड धामी तेजी से लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं। इस उपचुनाव में विरोधियों ने मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ कुप्रचार करके निगेटिव नेरेटिव क्रिएट किया और पूरे चुनाव को धाम बनाम धामी बना दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेता और तमाम विरोधी एकजुट होकर मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे। बावजूद इसके धामी सरकार की उपलब्धियों और चुनावी कौशल से विपक्ष के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। धामी के कामकाज पर जनता ने दिल खोलकर मुहर लगाई।

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल नाम भर नहीं है, बल्कि एक ब्रांड हैं। मोदी के हर क्रियाकलाप का प्रभाव जनता के बड़े हिस्से को प्रभावित करता है इसलिए पिछले दो दशकों से वह देश के सबसे भरोसेमंद ब्रांड बने हुए हैं। ब्रांड मोदी की बदौलत केन्द्र ही नहीं राज्यों में भी भाजपा चुनाव जीतती चली आ रही है। उनके साथ ही राज्यों में भी भजपा के कुछ नेता हैं जो एक ब्रांड के रूप में अपनी पार्टी के लिए फयादेमंद साबित हो रहे हैं। तेजी से उभर रहे ऐसे नेताओं में से एक हैं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। सादगी, सरल स्वभाव, संवेदनशीलता और सख्त निर्णय लेने की क्षमता, ये वो तमाम गुण हैं जिनकी बदौलत पुष्कर सिंह धामी लोकप्रिय बनते जा रहे हैं। धामी ने उत्तराखण्ड में अपने कम समय के कार्यकाल में कई बड़े और कड़े फैसले लिए, जिससे देशभर में उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ। खासकर यूसीसी, नकलरोधी कानून, लैंड जिहाद, दंगारोधी कानून, महिला आरक्षण आदि निर्णयों से वह देश में नजीर पेश की चुके हैं। उनकी लोकप्रियता का दायरा उत्तराखण्ड तक ही सीमित नहीं है वह पूरे देश में उनकी छवि एक ‘डायनेमिक लीडर’ की बन चुकी है।

 

Continue Reading

Trending