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नेशनल

सुशासन राष्ट्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण : मोदी

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सुशासन राष्ट्र की प्रगति के लिए बेहद महत्वपूर्ण कारक है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजयपेयी के जन्मदिन पर (25 दिसम्बर) गुरुवार को मनाए जा रहे सुशासन दिवस पर मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देश की जनता को पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो आम लोगों की बेहतरी के लिए काम करेगी।

मोदी ने कहा, “हमारा मंत्र, उद्देश्य व सिद्धांत नागरिकों को प्राथमिकता देने का है। मेरा सपना सरकार को लोगों के करीब लाने का है, ताकि वे प्रशासनिक प्रक्रिया के सक्रिय भागीदार बन सकें।”

मोदी ने कहा कि सरकारी कामकाज की प्रक्रिया को आसान कर आसानी से सुशासन सुनिश्चित किया जा सकता है। हलफनामे और किसी राजपत्रित अधिकारी से आवेदनों के प्रमाणन के स्थान पर इन्हें स्वप्रमाणित करने की दिशा में उठाया गया कदम, सरकार तथा नागरिकों के बीच विश्वास बहाल करने को लेकर है।

उन्होंने कहा कि सरकार आसान आंतरिक कार्य प्रक्रिया पर काम कर रही है, जिसे ई-लर्निग मॉड्यूल के जरिये लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

प्रौद्योगिकी को नागरिकों को सशक्त बनाने और सरकार चलाने के लिए जवाबदेह तथा महत्वपूर्ण माध्यम करार देते हुए उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी को सरकार तथा नागरिकों के बीच निश्चित तौर पर सेतु की तरह काम करना चाहिए।”

उत्तर प्रदेश

बदायूं के इस गांव में आजादी के बाद भी नहीं मिली रोड की सुविधा, अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

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बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक गांव ऐसा भी है जहां देश आजाद होने के बाद भी सड़क की सुविधा नही मिली है और पिछले 30 साल से एक भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी नहीं लगी है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें तीन लोगों की हालात बिगड़ गयी जिनका स्वास्थ्य विभाग द्वारा धरना स्थल पर ही उपचार किया जा रहा है।

बता दें कि पूरा मामला जनपद बदायूं के बिसौली तहसील के आसफपुर विकासखंड क्षेत्र के ढोरनपुर गांव का है। जहां ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने बताया कि देश आजाद होने के बाद भी आज तक मुख्य मार्ग से गांव तक आने वाली सड़क की सुविधा नहीं मिली है।जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती है और बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। सड़क निर्माण ना होने वजह से पिछले 30 सालों से आज तक एक भी व्यक्ति की कोई भी सरकारी नौकरी नहीं लगी है। वही लोकसभा 2024 के चुनाव में सड़क की सुविधा नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। लेकिन अधिकारियों और नेताओं ने आश्वासन देकर वोट डालने की अपील की थी। लेकिन

भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ी

चुनाव संपन्न होने के बाद भी सड़क की सुविधा नहीं मिलने से ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है।अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल से तीन लोगों की हालात बिगड़ गई जिनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कर्मचारियों को भेजा गया है। 24 घंटे स्वास्थ्य विभाग की टीम धरना स्थल पर मौजूद है। वही ग्रामीणों ने बताया गांव में बिजली की भी समस्या है आये दिन बिजली के जर्जर तारों से घटनाएं होती है लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं होती।ग्रामीणों ने बताया कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होता है तब तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल जारी रहेगी। अब देखना होगा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों की समस्याओं का निस्तारण हो पाता या नहीं ।

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