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प्रादेशिक

उप्र : कैराना मुद्दे को लेकर संगीत सोम की ‘निर्भय यात्रा’ शुक्रवार से

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उप्र : कैराना मुद्दे को लेकर संगीत सोम की 'निर्भय यात्रा' शुक्रवार से

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उप्र : कैराना मुद्दे को लेकर संगीत सोम की 'निर्भय यात्रा' शुक्रवार सेलखनऊ/कैराना| उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में समाप्त हुई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कैराना व मथुरा हिंसा का मुद्दा जोरशोर से उठाया गया था। वहीं सरधना से भाजपा विधायक संगीत सोम सरधना से कैराना तक 40 किलोमीटर की पदयात्रा शुक्रवार को निकालेंगे, जिससे पश्चिमी उप्र में सियासी उबाल आने की संभावना है। सरधना विधानसभा से भाजपा विधायक संगीत सोम ने आईएएनएस से विशेष बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सरधना कैंप कार्यालय से लेकर कैराना तक 40 किलोमीटर लंबी पदयात्रा कल (शुक्रवार) निकलेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के लोगों के बीच संदेश देना है कि वे बिना डर के रहें।

उन्होंने बताया कि हिंदू समाज यहां से पलायन को मजबूर है। उप्र सरकार संविधान विरोधी ताकतों को संरक्षण देने का काम कर रही है।

सोम ने कहा कि कैराना के पलायन एवं पीड़ितों की निष्पक्ष जांच नही होती है तो उप्र के हर जिले में पदयात्राएं निकाली जाएंगी।

सोम ने कहा कि जांच में यह पुष्टि हो गई है कि इखलाक के घर में गोमांस ही था। उसके बाद भी सरकार आरोपियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही है, जिसके चलते यह यात्रा निकाली जा रही है।

विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना के नेतृत्व में बुधवार को एक जांच दल कैराना गया था। इस दल ने कैराना से हिंदुओं के पलायन मुद्दे को लेकर लोगों से मुलाकात की थी।

इसके बाद सुरेश खन्ना ने बताया कि वास्तव में कैराना से हिंदुओं का पलायन हुआ है। कैराना से सांसद हुकुम सिंह ने जो 346 लोगों की सूची दी थी, स्थिति उससे अधिक भयावह है। इसकी जांच होनी चाहिए।

गौरतलब है कि स्थानीय लोगों ने भाजपा जांच दल का विरोध भी किया था। लोगों का कहना था कि यहां ऐसी कोई समस्या नहीं है। हिंदू व मुसलमान एक साथ भाई-चारे के साथ वर्षो से रहते आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा यहां का माहौल खराब करना चाहती है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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