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उत्तराखंड

भाजपा कर रही इतिहास रचने की तैयारी

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, 25 जून को हरिद्वार में रैली

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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, 25 जून को हरिद्वार में रैली

amit shah

25 जून को हरिद्वार में अमित शाह की रैली

हरिद्वार। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की 25 जून को होने वाली रैली में अब तीन दिन बाकी रह गए हैं। भाजपा ने तैयारियों में पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश की देखरेख में शंकर आश्रम के पास स्थित होटल में 21 विधानसभा क्षेत्रों में सभी विधायकों और प्रदेश के प्रमुख नेताओं की बैठक में रैली की व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई।

बैठक में सभी को अधिक से अधिक भीड़ लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। बैठक को संबोधित करते हुए शिवप्रकाश ने कहा कि रैली उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का शंखनाद है।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगाने का आह्वान किया। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि रैली को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह है। आने वाले विधानसभा चुनाव में दो तिहाई बहुमत से ज्यादा समर्थन के साथ भाजपा की सरकार बननी तय है।

पूर्व मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ये रैली परिवर्तन का संदेश लेकर आ रही है, इससे उत्तराखंड में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। रैली भीड़ और संदेश दोनों के लिहाज से ऐतिहासिक होगी।

प्रांतीय महामंत्री संगठन संजय कुमार व रैली के मुख्य संयोजक ज्योति प्रसाद गैरोला के संचालन में हुई बैठक में प्रदेश महामंत्री खजानदास, नरेश बंसल, प्रवक्ता मुन्ना सिंह चैहान, वीरेंद्र बिष्ट, नरेश बंसल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंश कपूर, विधायक पुष्कर सिंह धामी, स्वामी यतीश्वरानंद, संजय गुप्ता, आदेश चैहान, चंद्रशेखर भट्टेवाले, प्रेमचंद्र अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, सहसंयोजक मयंक गुप्ता, मेयर मनोज गर्ग, सुबोध उनियाल, उमेश अग्रवाल, हरिद्वार जिलाध्यक्ष सुरेश राठौर, रुड़की जिलाध्यक्ष कल्पना सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश राजपूत, ओमप्रकाश जमदग्नि, प्रांतीय सदस्य राजीव शर्मा,  कुलदीप गुप्ता, नरेश शर्मा, विकास तिवारी, महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री अंजना चड्ढा आदि ने विचार रखे।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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