मुख्य समाचार
उप्र : जाकिर नाईक के बचाव में उतरा दारुल उलूम देवबंद
लखनऊ| उत्तर प्रदेश में सहारनपुर स्थित प्रख्यात इस्लामिक संस्था दारुल उलूम देवबंद मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाईक के बचाव में उतर गया है। दारुल उलूम से जुड़े पदाधिकारी व उलेमा-ए-कराम ने केंद्र सरकार पर निशाना बनाते हुए डा़ॅ जाकिर को बिना किसी जांच के ही दोषी ठहराए जाने को गलत बताया है। दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना खालिक मद्रासी और जमियत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने सोमवार को एक बयान जारी कर यह बात कही।
उन्होंने कहा कि डॉ़ जाकिर के साथ उनके वैचारिक मतभेद भले ही हों, लेकिन वह एक इस्लामिक विद्वान हैं और वह कुरान की व्याख्या अपने ढंग से करते हैं। वह किसी दहशतगर्दी का समर्थन नहीं करते हैं। केंद्र सरकार और कुछ संगठन जानबूझ कर उनके खिलाफ जांच से पहले ही बवंडर खड़ा कर इस्लाम को बदनाम करने का षड्यंत्र कर रहे हैं।
उन्होंने मीडिया ट्रायल पर रोष व्यक्त किया और इसकी निंदा की है।
मौलाना खालिक मद्रासी और अरशद मदनी ने कहा कि डॉ. जाकिर की दुनियाभर में इस्लामिक विद्वान के रूप में पहचान है। दारुल उलूम ने उनके नजरियात पर जो फतवे जारी किए थे उसे कुछ संगठन गलत तरीके से पेश कर रहे हैं और इसे उनके खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, जो गलत है। संस्था ऐसे संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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