प्रादेशिक
मद्रास उच्च न्यायालय के पास वकीलों का प्रदर्शन
चेन्नई| सैकड़ों वकीलों ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के नजदीक अनियंत्रित अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश देने वाले अधिवक्ता अधिनियम के नियमों के संशोधन के विरोध में प्रदर्शन किया। सुरक्षा उपायों के तहत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया और सड़कों पर बैरिकेड लगाए गए थे।
विरोध प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने जब लोहे के बैरिकेड हटाने और उच्च न्यायालय परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की, तब तनाव थोड़ा बढ़ गया। हालांकि, पुलिस ने स्थिति नियंत्रण में कर ली।
तमिलनाडु और पुडुच्चेरी के वकील विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन के कारण इलाके का यातायात भी बाधित हो गया।
शनिवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने तमिलनाडु के 126 वकीलों को अपनी सूची से निलंबित कर दिया।
निलंबित वकीलों में से 21 संयुक्त कार्रवाई समिति के सदस्य हैं और वे अधिवक्ता अधिनियम में संशोधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।
एक अधिवक्ता राधाकृष्णन ने एक समाचार चैनल को बताया, “उच्च न्यायालय अगर यह घोषणा कर देता कि नए नियमों को स्थगित कर दिया जाएगा तो स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता था।”
वकीलों के मुताबिक, केवल बार काउंसिल को ही किसी भी वकील के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है, न्यायाधीशों को नहीं।
मद्रास उच्च न्यायालय ने अदालती कार्यवाहियों के शांतिपूर्ण संचालन के लिए मई में अनियंत्रित अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश देते अधिवक्ता अधिनियम के नियमों में संशोधन अधिसूचित किया था।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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