मुख्य समाचार
बिहार में दलित छात्रों की पिटाई की न्यायिक जांच को लेकर विधानसभा में हंगामा
पटना| बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को छात्रवृत्ति राशि में कटौती के विरोध में छात्रों के विधानसभा मार्च के दौरान पुलिस लाठी चार्ज के विरोध में बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद गुरुवार को सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
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इससे पहले, विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य बुधवार को दलित छात्रों पर लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। इस दौरान प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नंदकिशाोर यादव, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी सहित पूरा विपक्ष वेल में धरने पर बैठ गया और सरकार के विरोध में नारेबाजी की।
सभी नेता दलित छात्रों पर लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे।
शोरगुल के बीच प्रश्नकाल आरंभ हुआ लेकिन विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कई बारी विपक्षी सदस्यों को अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया परंतु वे नहीं माने। बाद में अध्यक्ष ने विधानसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
इस दौरान हंगामा कर रहे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के विधायक महबूब आलम बेहोश हो गए। बाद में इन्हें अस्पताल ले जाया गया।
इधर, विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विधायक विधानसभा के पोर्टिको में भी धरना पर बैठ गए।
प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने कहा कि सरकार दलित विरोधी हो गई है। छात्र छात्रवृत्ति की मांग पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे परंतु सरकार के इशारे पर पुलिस ने छात्रों की पिटाई की। उन्होंने कहा कि सरकार को पूरे मामले की न्यायिक जांच करानी चाहिए और दोषी पुलिस अधिकारियों पर कारवाई करनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्र, छात्रवृत्ति राशि में कटौती के विरोध में और विभिन्न मांगों को लेकर ‘छात्र कल्याण संघ’ के बैनर तले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को विधानसभा मार्च करने वाले थे। इस मार्च में भाग लेने के लिए राज्य के विभिन्न जिले के छात्र पटना पहुंचे थे।
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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