Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बिहार में नए इलाकों की ओर बढ़ रहा बाढ़ का पानी

Published

on

बिहार

Loading

बिहार पटना| बिहार में गंगा तट पर बसे 12 जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। बाढ़ का पानी कई अन्य इलाकों में भी फैल रहा है। गंगा नदी के जलस्तर में हालांकि कमी दर्ज की जा रही है, लेकिन शुक्रवार को कई स्थानों पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहा। सोन नदी के जलस्तर में एक बार फिर वृद्घि दर्ज की गई।

बिहार के 12 जिलों के 73 प्रखंडों के 1,934 गांव की 31़ 33 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है।
पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, शुक्रवार को गंगा के जलस्तर में कमी आई है। पटना के गांधीघाट पर गंगा के जलस्तर 50़ 01 मीटर तथा दीघाघाट में 51़ 58 मीटर दर्ज किया गया। गांधी घाट में गुरुवार को गंगा का जलस्तर 50.13 मीटर रहा।

गौरतलब है कि बिहार में गंगा नदी के उफान पर होने के कारण बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। बाढ़ का पानी धीरे-धीरे अन्य क्षेत्रों में भी प्रवेश कर रहा है। पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे मैदानी इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं।

पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, रोहतास जिले के इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी के जलस्तर में शुक्रवार को वृद्घि दर्ज की गई। इंद्रपुरी बैराज के पास सोन नदी का जलस्तर सुबह नौ बजे 1,80,174 क्यूसेक था। इसके एक घंटे बाद 10 बजे तक नदी का जलस्तर 1,80,981 क्यूसेक हो गया।

गंगा नदी बक्सर, दीघा, गांधीघाट, हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव, बूढ़ी गंडक नदी खगड़िया, घाघरा नदी गंगपुर सिसवन (सीवान) और पुनपुन नदी श्रीपालपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में लाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 3़ 44 लाख लोगों को बाढ़ प्रभावित स्थानों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है, जिनमें से 1़ 74 लाख लोगों को 433 राहत शिविरों में रखा गया है। इसके अलाव 108 पशु शिविर भी खोले गए हैं।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में 2,333 नावों का परिचालन किया जा रहा है और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें राहत और बचाव कार्यो में लगी हुई हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending