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प्रादेशिक

पंजाब में कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर बिताई रात

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पंजाब

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पंजाबचंडीगढ़| पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल और विपक्षी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच सोमवार को हुई झड़प को रोकने में विफल और उसके बाद कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने वाले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार की रात मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के सरकारी निवास के बाहर बिताई। वे रातभर नारेबाजी करते रहे। उनका प्रदर्शन शुक्रवार को भी जारी है। कांग्रेस नेताओं ने पुलिस पर सत्तारूढ़ दल से मिलीभगत का आरोप लगाया है। उनके प्रदर्शन को देखते हुए उच्च-सुरक्षा वाले सेक्टर-2 क्षेत्र को आंशिक रूप से अवरुद्ध कर दिया गया था, जहां बादल का निवास है।

वहीं, मुख्यमंत्री आवास के बाहर शुक्रवार को इस प्रदर्शन में युद्ध के शहीदों और ड्यूटी पर जान गंवाने वाले होमगार्ड कर्मियों के परिवार भी शामिल हुए। इस क्षेत्र में हालांकि धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं, पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने गुरुवार दोपहर से अपना विरोध शुरू किया था और रात भर इसे जारी रखा।

बादल गुरुवार शाम को अपने निवास से बाहर आए और पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा को लुधियाना में दशहरा की पूर्व संध्या पर अकाली दल की युवा शाखा के कार्यकतरओ और विपक्षी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हुई हिंसक झड़पों की जांच का आदेश दिया। बादल के निर्देश के बाद डीजीपी सोमवार शाम हुई घटना की जांच के लिए लुधियाना रवाना हो गए।

बादल ने मीडिया से कहा, “मैंने पुलिस महानिदेशक से घटना की जांच कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।” लुधियाना में कांग्रेस नेताओं ने पंजाब में नशीली दवाओं पर अंकुश लगाने में राज्य सरकार की कथित विफलता को लेकर दशहरा समारोह के दौरान रावण के रूप में एक ‘चित्ता’ (पंजाब में आम बोलचाल की भाषा में नशीली दवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द) का पुतला बनाया था।

इस झड़प में लुधियाना शहरी इकाई के अध्यक्ष गुरप्रीत गोगी सहित कुछ कांग्रेसी नेता घायल हो गए। कांग्रेस नेताओं के वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। पंजाब पुलिस ने बाद में एक युवा कांग्रेस नेता परमिंदर लापरान को गिरफ्तार कर लिया और साथ ही पांच अन्य कांग्रेस नेताओं पर भी मामले दर्ज किए। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि लुधियाना के पुलिस आयुक्त जतिंदर सिंह ओलख और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जसविंदर सिंह अकाली दल के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं और कांग्रेस नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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