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प्रादेशिक

सपा के रजत जयंती समारोह में जुटी भीड़, सुरक्षा कड़ी

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 रजत जयंती समारोह लखनऊ | उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) शनिवार को अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती समारोह मना रही है। समारोह में शामिल होने के लिए पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता यहां पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की रथयात्रा में ‘युवा जोश’ के सफल प्रदर्शन के बाद अब शनिवार को समाजवादी पार्टी का ‘अनुभवी होश’ रजत जयंती में अपनी ताकत दिखाएगा। इस बीच समारोह को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद जनता परिवार के एका के सूत्रधार रहे दलों के प्रमुखों में से कई नेता हिस्सा लेंगे। इससे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में धर्मनिरपेक्ष दलों के गठबंधन का कोई रास्ता भी खुल सकता है।

लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में एक लाख लोगों की क्षमता का पंडाल बना हुआ है। शिवपाल यादव के समर्थकों की ओर से अखिलेश की रथयात्रा से अधिक भीड़ जुटा कर लंबी लकीर खींचने का प्रयास भी जारी है।

समारोह में बिहार की सत्ता में काबिज महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद, जद (यू) के पूर्व अध्यक्ष और रालोद मुखिया भी होंगे। रजत जयंती में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, जनता दल (एस) प्रमुख एच. डी. देवगौड़ा, रालोद प्रमुख अजित सिंह, सांसद राम जेठमलानी, जद (यू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, अभय चौटाला समेत गैर भाजपा दलों के एक दर्जन नेता मौजूद रहेंगे। लालू यादव शुक्रवार की देर रात लखनऊ पहुंच चुके हैं।

सपा के रजत जयंती समारोह के मद्देनजर सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था है। समारोह उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित होने जा रहा है। इसे लेकर भीड़ प्रबंधन, यातायात और कानून-व्यवस्था आदि मसलों का बारीकी से अध्ययन किया गया है। सब कुछ आकलन कर मौके पर भारी भरकम अमला तैनात करने की तैयारी है।

इस बीच, अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून-व्यवस्था दलजीत सिंह चौधरी ने निर्देश दिया है कि कहीं भी कोई चूक न हो। भीड़ आकलन के साथ ही वीआइपी सुरक्षा, यातायात प्रबंधन और वाहनों की पार्किं ग पर ध्यान दिया गया है।

पुलिस महानिरीक्षक (एसटीएफ) रामकुमार ने बताया कि रजत जयंती समारोह के लिए भारी फोर्स आवंटित की गई है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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