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प्रादेशिक

भाजपा अंबेडकर और संविधान विरोधी : मायावती

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लखनऊ  । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर उनकी प्रतिमा को पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अंबेडकर और संविधान विरोधी करार दिया।

 

यहां के गोमतीनगर स्थित अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पण समारोह के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, “विरोधी पार्टियां बाबा साहब को लेकर भ्रम फैलाती हैं। ये पार्टियां दलितों और पिछड़ों के बीच फर्क पैदा करती हैं। बसपा के शासन में ही लोगों को हक मिला है।”

मायावती ने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, “इन लोगों को संविधान पसंद नहीं है। ये लोग इसे बदलना चाहते हैं, आप लोगों को इनसे सावधान रहने की जरूरत है। अंबेडकर ने संविधान में सभी धर्म और जातियों को बराबर सम्मान दिया, लेकिन भाजपा और आरएसएस देश पर हिंदुत्व का एजेंडा थोपना चाह रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि मुसलमान यदि आज वह पूरे देश में सुरक्षित हैं तो बाबा साहेब की वजह से। उत्तर प्रदेश की ‘मास्टर की’ जब दलितों के हाथ में आई, उसके बाद ही दलितों व पिछड़ांे के उत्थान का काम हुआ, जबकि कांग्रेस और भाजपा कभी भी ऐसा नहीं चाहती थी।

मायावती ने कहा, “भाजपा ने आरक्षण के विरोध में वीपी सिंह की सरकार से समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा दी थी। इससे साबित होता है कि भाजपा दलित, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विरोधी है। भाजपा के लोग बाबा साहब को मान- सम्मान नहीं देना चाहते, इसीलिए छह दिसंबर यानी उनके परिनिर्वाण दिवस पर ही अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहा दिया।”

बसपा प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद तो फकीर नहीं हैं, लेकिन देश की 90 फीसदी जनता को फकीर जरूर बना दिया है। नोटबंदी का फैसला बिना तैयारी के लिया गया। देश की जनता आज अपने ही पैसे पाने के लिए तरस रही है, जान गंवा रही है।

मायावती ने कहा कि भाजपा ने अपने चहेते पूंजीपतियों का कालाधन पहले ही ठिकाने लगा दिया था। अब लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए बैंक खातों की डिटेल मांगी है। मोदी ने ओबीसी वर्ग का हक मारने के साथ-साथ उनके साथ छलावा भी किया है।

उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस ने कभी भी दलितों के आरक्षण का कोटा पूरा नहीं किया। दलितों को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे को भी कांग्रेस ने दबाने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन बसपा लगातार संसद में कांग्रेस पर दबाव डालती रही।

मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने कभी बाबा साहेब को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया, कांग्रेस के सत्ता में रहते ही मंडल आयोग की सिफारिशें भी रद्द करनी पड़ी थीं।

प्रदेश की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा, “जब हम सत्ता में आएंगे, तब अखिलेश सरकार के सभी बड़े आर्थिक फैसलों की जांच कराएंगे, दोषी अधिकारियों और नेताओं को जेल भेजा जाएगा। इस फैसले के लिए हमें पूर्ण बहुमत की सरकार चाहिए।”

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ‘बबुआ’ बताते हुए मायावती ने कहा, “बबुआ के बयानों से हमारी पार्टी को काफी लाभ मिल रहा है। बबुआ के बयानों से हमारे चुनाव चिह्न का मुफ्त में प्रचार हो रहा।”

उन्होंने कहा, “हाथी के चलने या खड़े रहने की बबुआ की बात कोई अनोखी नहीं है। सपा सरकार का मुख्यमंत्री वास्तव में बबुआ है, जो अपने भाषण में हाथियों का जिक्र करना नहीं भूलता, लगता है सपने में भी हमारे हाथी बबुआ को परेशान कर रहे हैं।”

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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