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प्रादेशिक

नोटबंदी के फैसले से किसान व व्यापारी दुखी : मुलायम

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सपा, मुलायम सिंह यादव, उत्तर प्रदेश, नोटबंदी, कालाधन

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सपा, मुलायम सिंह यादव, उत्तर प्रदेश, नोटबंदी, कालाधन

mulayam singh yadav

बरेली  | उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को कहा कि मोदी सरकार में किसान और व्यापारी सबसे ज्यादा दुखी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी वादे पूरे कर लिए हैं। पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को बरेली में रैली को संबोधित करते हुए यह बातें कही। उन्होंने कहा, “प्रदेश सरकार ने सभी चुनावी वादे पूरे किए,

लेकिन केंद्र सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए। 15 लाख रुपये देने की बात की गई थी, जो कि पूरी नहीं हुई।” मुलायम ने कहा, “समाजवादी पार्टी ने कथनी और करनी में कभी भेद नहीं किया। हम लोग अंग्रेजी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसकी अनिवार्यता के खिलाफ हैं। किसी भी देश में पता लगा लो, जिसने अपनी भाषा में काम किया है, उसने तरक्की की है।”

सपा अध्यक्ष ने यूरोप का उदाहरण देते हुए कहा, “वहां अंग्रेजी नहीं बोली जाती है। अपनी भाषा में उन्होंने तरक्की की है। हमारी भाषा हिंदी और उर्दू है। हमने कहा था कि जो उर्दू में लिखेगा, उसे पेपर में पांच नंबर ज्यादा दिए जाएंगे। हम लोग जाति-धर्म के नाम पर बंटवारा नहीं चाहते।”

उन्होंने कहा, “कालाधन ज्यादा घरों में नहीं है, बस सौ घरों में है। मोदी जी ने जितना ठगा है, उसका जवाब देश की जनता आने वाले चुनावों में देगी। नोटबंदी से बहुत नुकसान हुआ है। लोगों की लगातार मौत हो रही है। नोट बदलने का कोई मतलब नहीं था।”

मुलायम ने कहा, “नोट बदलने के लिए छह महीने का समय दिया जाता। यहां तक कि नए नोट भी पूरे नहीं छपे हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि कालाधन किसके पास है? इसकी वजह से किसानों, मजदूरों को काफी दिक्कत हुई। सभी लोगों पर इसका प्रभाव पड़ा है।” उन्होंने रोजगार पर बात करते हुए कहा कि आज पांच लाख जगह खाली हैं, लेकिन युवाओं को नौकरियां नहीं मिल रही है।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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