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प्रादेशिक

यूपी का मुख्यमंत्री तय करने में पूर्वाचल रहेगा किंग मेकर : लौटन राम

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राष्ट्रीय निषाद संघ, एनएएफ, उप्र का मुख्यमंत्री, विधानसभा, विधानसभा चुनाव-2017, उत्तर प्रदेश

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राष्ट्रीय निषाद संघ, एनएएफ, उप्र का मुख्यमंत्री, विधानसभा, विधानसभा चुनाव-2017, उत्तर प्रदेशलखनऊ । राष्ट्रीय निषाद संघ (एनएएफ) के सचिव चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसी दल की सरकार बने व कोई मुख्यमंत्री हो, उसमें पूर्वाचल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

पूर्वाचल में 171 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनके चुनाव परिणाम में बदलाव लाने में निषाद, बिंद, केवट, राजभर, चौहान, कुशवाहा, मौर्य आदि अतिपिछड़ी जातियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

उन्होंने कहा, “2007 में मायावती को पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का अवसर पूर्वाचल ने ही दिया था जहां से बसपा को 102 सीटें मिली थीं और अतिपिछड़ों ने बसपा का साथ दिया था। बसपा के कुशासन से नाराज अतिपिछड़ों ने 2012 में सपा को 106 सीटें देकर सपा को पूर्ण बहुमत से जिताया। सपा, बसपा, भाजपा की सरकारों को बनाने में पूर्वाचल व इस क्षेत्र के अतिपिछड़ों की अहम भूमिका रहती है।”

निषाद ने एक बयान में कहा कि पूर्वाचल की 171 विधानसभा क्षेत्रों में से 85-90 विधानसभा क्षेत्रों में निषाद (मल्लाह, केवट, बिंद) निर्णायक है और कुर्मी भी 55-60 क्षेत्रों में निर्णायक है। चौहान, राजभर जहां 40-45 विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक स्थिति में हैं वहीं मौर्य/कुशवाहा-22-25 विधानसभा क्षेत्रों में निर्णायक हैं।

उन्होंने कहा, “विधानसभा चुनाव 2017 में भी अतिपिछड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी और जो दल लगभग सात प्रतिशत अतिपिछड़ों को अपने पाले में करने में सफल होगा, वहीं उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर आएगा।” विधानसभा चुनाव-2017 में निषाद (मल्लाह, केवट, बिंद), राजभर व चौहान ही राजनीतिक दलों के भाग्य का फैसला करेंगे।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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