हेल्थ
गर्भाशय कैंसर में एस्पिरिन का नियमित इस्तेमाल खतरनाक
न्यूयॉर्क | गर्भाशय के कैंसर से जूझ रहे मरीजों में एस्पिरिन तथा आईबूप्रोफेन जैसी नॉन स्टेरॉयड सूजन रोधी दवाओं (एनएसएआईडी) का खतरनाक असर सामने आया है। अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में अध्ययन के सह-प्रमुख लेखक थियोडोर ब्रास्की ने कहा, “इंडोमेट्रियल कैंसर में गंभीर सूजन होता है और यह तेजी से बढ़ता है। लेकिन हालिया आंकड़े यह दर्शाते हैं कि एनएसएआईडी का सेवन रोकने से सूजन में कमी आती है।”
ब्रास्की ने कहा, “हमारा अध्ययन चौंकाने वाला है, क्योंकि यह पिछले अध्ययन के निष्कर्ष के खिलाफ है, जिसके मुताबिक सूजन को रोकने में एनएसएआईडी फायदेमंद होता है और यह कोलोरेक्टल कैंसर जैसे कुछ कैंसर को बढ़ने से रोकने या इससे होने वाली मौतों के खतरे को कम करता है।”
शोधकर्ताओं ने इंडोमेट्रियल कैंसर से पीड़ित 4,000 से अधिक मरीजों पर अध्ययन के दौरान पाया कि एनएसएआईडी के इस्तेमाल से इस कैंसर के बढ़ने या इससे मौत का खतरा 66 फीसदी बढ़ गया।
अधिक खतरनाक कैंसर से होने वाली मौतों को रोकने में एनएसएआईडी की कोई भूमिका सामने नहीं आई है।
यह अध्ययन पत्रिका ‘जर्नल ऑफ नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट’ में प्रकाशित हुआ है।
हेल्थ
दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.
एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.
डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।
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