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यूपी : टिकट बंटवारे को लेकर चाचा-भतीजे में फिर घमासान
लखनऊ | उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक तरफ जहां अन्य पार्टियां अपने को चुस्त-दुरस्त करने में जुटी हैं, वहीं दूसरी तरफ टिकट बंटवारे को लेकर सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर एक बार फिर घमासान मच गया है। सपा के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को अचानक पार्टी मुखिया मुलायम सिंह को 403 उम्मीदवारों की अपनी सूची सौंप दी।
हालांकि शिवपाल यादव ने अखिलेश के इस कदम की जानकारी मिलने के बाद प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने ट्विट करते हुए कहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विवाद की शुरुआत रविवार को उस समय हुई, जब प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने बलिया व मथुरा जिला कमेटियों को भंग कर दी और पार्टी मुखिया ने गायत्री प्रसाद प्रजापति को राष्ट्रीय सचिव बना दिया। अखिलेश ने भी शाम होते-होते मुलायम को टिकट बांटने के लिए अपने 403 प्रत्याशियों की सूची सौंप दी।
विवाद उस समय चरम पर आया, जब शिवपाल ने ट्वीट कर कहा कि टिकट पहले से बांटे जा रहे हैं और पार्टी में अनुशानहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को पार्टी मुखिया से मुलाकात की थी और विधानसभा चुनाव 2017 के लिए 403 उम्मीदवारों की सूची सौंपी।
सपा सूत्रों के अनुसार, अखिलेश ने कहा है कि जब चुनाव उनके काम और उनके नाम पर लड़ा जा रहा है, तो फिर टिकट बांटने का अधिकार उनका ही होना चाहिए। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने अपने स्तर पर एक आंतरिक सर्वे कराया था। इसके आधार पर जीत सकने वाले उम्मीदवारों के नामों की सूची तैयार की गई है।
सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने विधानसभा चुनाव 2017 को देखते हुए टिकट बांटने की प्रक्रिया काफी पहले शुरू कर दी थी। सबसे पहले हारी हुई सीटों पर 141 उम्मीदवारों की घोषणा की गई। अब तक करीब 175 उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पिछले काफी समय से पार्टी विधायकों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने बीते शुक्रवार व शनिवार को भी विधायकों के साथ बैठक की थी और विधायकों को चुनाव प्रचार में जुटने को कहा था।
प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने ट्वीट कर कहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। टिकट का बंटवारा जीत के आधार पर होगा। पार्टी ने टिकट बांटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। टिकट बांटने का अधिकार संसदीय बोर्ड के पास है और अंतिम फैसला लेने का अधिकार ‘नेता जी’ के पास है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का प्रस्ताव- पुरुष दर्जी नहीं ले सकेंगे महिलाओं की माप, जिम में महिला ट्रेनर जरुरी
लखनऊ। अगर आप महिला हैं तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल, यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए उ.प्र. राज्य महिला आयोग ने कुछ अहम फैसले लिए हैं जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी हैं। शुक्रवार को आयोग की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए। जो की इस प्रकार हैं।
1- महिला जिम/योगा सेन्टर में, महिला ट्रेनर होना चाहिए तथा ट्रेनर एवं महिला जिम का सत्यापन अवश्य करा लिया जाये।
2-महिला जिम/योगा सेन्टर में प्रवेश के समय अभ्यर्थी के आधार कार्ड/निर्वाचन कार्ड जैसे पहचान पत्र से सत्यापन कर उसकी छायाप्रति सुरक्षित रखी जाये।
3- महिला जिम/योगा सेन्टर में डी.वी.आर. सहित सी.सी.टी.वी. सक्रिय दशा में होना अनिवार्य है।
4. विद्यालय के बस में महिला सुरक्षाकर्मी अथवा महिला टीचर का होना अनिवार्य है।
5. नाट्य कला केन्द्रों में महिला डांस टीचर एवं डी.वी.आर सहित सक्रिय दशा में सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
6. बुटीक सेन्टरों पर कपड़ों की नाप लेने हेतु महिला टेलर एवं सक्रिय सी.सी.टी.वी. का होना अनिवार्य है।
7. जनपद की सभी शिक्षण संस्थाओं का सत्यापन होना चाहिये।
8. कोचिंग सेन्टरों पर सक्रिय सी.सी.टी.वी. एवं वाशरूम आदि की व्यवस्था अनिवार्य है।
9. महिलाओं से सम्बन्धित वस्त्र आदि की ब्रिकी की दुकानों पर महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य है।
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