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प्रादेशिक

बिहार : शराब माफियाओं का पुलिस पर हमला, 2 थाना प्रभारी घायल

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बिहार : शराब माफियाओं का पुलिस पर हमला, 2 थाना प्रभारी घायलपटना | बिहार की पुलिस अब शराब माफियाओं के निशाने पर आ गई है। राज्य में पिछले 12 घंटों के दौरान पटना और मुजफ्फरपुर जिले के दो अलग-अलग क्षेत्रों में शराब माफियाओं द्वारा पुलिस दल पर किए गए हमलों में दो थाना प्रभारी सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जबकि दो पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त कर दिए गए हैं। पुलिस के अनुसार, मुजफ्फरपुर जिले के पारू स्थित ठेंगपुर गांव में छापेमारी करने गई गोपालगंज की पुलिस टीम पर शराब माफियाओं ने मंगलवार की देर शाम धारदार हथियार से हमला कर दिया।

इस हमले में कुचायकोट के थाना प्रभारी महेंद्र कुमार, मोहम्मदपुर के थाना प्रभारी मुन्ना कुमार और कुचायकोट थाने के चौकीदार कृष्णा यादव गंभीर रूप से जख्मी हो गए। सभी पुलिस वाले सादी वर्दी में छापेमारी करने गए थे। महेंद्र की हालत ज्यादा गंभीर बनी हुई है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व कुचायकोट थाना क्षेत्र में 445 कार्टन यानी 7140 बोतल अंग्रेजी शराब पकड़ी गई थी। यह शराब एक ट्रक से पंजाब से मुजफ्फरपुर लाई जा रही थी।

गिरफ्तार ट्रक चालक अशोक सिंह के बयान पर दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया था कि यह शराब मुजफ्फरपुर के ठेंगपुर गांव के अजय राय और रेवाघाट के मंटु सिंह ने मंगवाई थी। इसी क्रम में पुलिस ठेंगपुर गांव पहुंची थी।

मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार ने बुधवार को बताया कि घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है।

पुलिस की विशेष टीम ने बताया कि गोपालगंज पुलिस टीम के पारू में आने की जानकारी नहीं दी गई थी। फिलहाल जख्मी पुलिसकर्मियों का इलाज कराया जा रहा है।

इधर, पटना के मसौढी थाने के संघतपर मुसहरी गांव में मंगलवार की रात देसी शराब बनने की सूचना पर छापेमारी करने गई पुलिस पर शराब से जुड़े धंधेबाजों ने पथराव कर दिया। इस घटना में पुलिस के दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

मसौढी के थाना प्रभारी आशुतोष कुमार ने बताया कि हमला करने वालों में कई शराब धंधेबाज शामिल हैं। उनकी पहचान की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि बिहार में पिछले साल अप्रैल महीने से पूर्ण शराबबंदी लागू है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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