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बिजनेस

नोटबंदी के कारण स्मार्टफोन की बिक्री 30.5 फीसदी गिरी

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नोटबंदी के कारण स्मार्टफोन की बिक्री 30.5 फीसदी गिरी

नई दिल्ली | केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी के बाद नकदी की समस्या के कारण अक्टूबर के त्योहारी सीजन की तुलना में नवंबर महीने में स्मार्टफोन की बिक्री में 30.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। शोध कंपनी इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) ने मंगलवार को यह खुलासा किया। भारत के 50 शहरों में स्मार्टफोन की बिक्री पर सर्वेक्षण के आधार पर आईडीसी के मंथली सिटी लेवल स्मार्टफोन ट्रैकर की रिपोर्ट के मुताबिक, नोटबंदी से अक्टूबर की तुलना में नवंबर में घरेलू कंपनियों की बिक्री में सर्वाधिक 37.2 फीसदी की गिरावट हुई, वहीं चीनी कंपनियों की बिक्री 26.5 फीसदी तक गिरी, जबकि वैश्विक कंपनियों की बिक्री में 30.5 फीसदी की गिरावट हुई।

आईडीसी इंडिया की वरिष्ठ विपणन विश्लेषक उपासना जोशी ने कहा, “नोटबंदी से लगभग हर स्तर पर स्मार्टफोन बाजार पर प्रभाव पड़ा। ग्राहकों की मांग तो घटी ही, साथ ही स्मार्टफोन की आवक भी कम हुई।”

जोशी ने कहा, “स्मार्टफोन की मांग में गिरावट सभी शहरों में दर्ज की गई। अक्टूबर की तुलना में नवंबर महीने में प्रथम श्रेणी के शहरों में यह गिरावट 31.7 फीसदी, जबकि द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के शहरों में 29.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। स्मार्टफोन के संबंध में जानकारी लेने वालों की संख्या में गिरावट के साथ-साथ खुदरा विक्रेताओं के यहां भी ग्राहकों की संख्या में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई। इस प्रतिकूल हालात से मुकाबले के लिए खुदरा विक्रेताओं ने शून्य डाउनपेमेंट पर स्मार्टफोन की बिक्री शुरू की।”

निष्कर्ष के मुताबिक, “टियर-1 शहरों में चीनी स्मार्टफोन का हिस्सा अक्टूबर के 38.7 फीसदी से बढ़कर 42.6 फीसदी पहुंच चुका है।”

सैमसंग के नेतृत्व वाली वैश्विक कंपनियां अपने वितरकों के बेहतर कवरेज तथा भारतीय बाजार में पहुंच के आधार पर चीनी कंपनियों को तगड़ी चुनौती दे रही हैं।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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