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प्रादेशिक

बिहार : बीएसएससी सचिव समेत 7 लोगों को हिरासत में लिया गया

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बिहार : बीएसएससी सचिव समेत 7 लोगों को हिरासत में लिया गया

पटना | बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की दो चरणों में हुई परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र और उत्तर लीक होने के मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम सहित सात लोगों को हिरासत में लिया है। सचिव के आवास पर मंगलवार देर रात एसआईटी की टीम ने छापेमारी की। इस दौरान कई अहम सुराग मिलने की भी सूचना है। उधर, प्रश्न-पत्र लीक होने के मामले में अहम सुराग मिलने के बाद संभावना व्यक्त की जा रही है कि बीएसएससी की परीक्षाएं रद्द हो सकती हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि एसआईटी की टीम ने मंगलवार को सुबह से शाम तक मामले की छानबीन की और पेपर लीक की प्रारंभिक पुष्टि होने के बाद अगमकुआं थाना अन्तर्गत भागवत नगर स्थित आयोग के सचिव परमेश्वर राम के आवास पर छापेमारी की गई।

छापेमारी में एसआईटी को कई महत्वपूर्ण कागजात हाथ लगे, जिसकी जांच की जा रही है। साथ ही राम सहित सात लोगों को हिरासत में लेकर एसआईटी की टीम पूछताछ कर रही है।

परीक्षा रद्द करने के संबंध में पूछे जाने पर आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार ने कहा कि अभी जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ स्पष्ट किया जा सकता है।

गौरतलब है कि आयोग ने इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षाओं के लिए चार तिथियों की घोषणा की थी, जिनमें दो तिथियों (29 जनवरी और पांच फरवरी) पर परीक्षाएं हो चुकी हैं, जबकि अन्य दो परीक्षाएं 19 फरवरी और 26 फरवरी 2017 को होनी हैं। पहले दो तिथियों को हुई परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र और उत्तर लीक होने के विरोध में सोमवार को छात्रों ने जमकर हंगामा किया था और परीक्षाएं रद्द करने की मांग की थी।

इस दौरान आक्रोशित छात्रों ने बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम के साथ धक्का-मुक्की भी की थी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया। इसके बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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