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नेशनल

अदालत ने सीबीएसई मॉडरेशन पॉलिसी को रद्द करने पर रोक लगाई

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नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)| कक्षा 10वीं व 12वीं की परीक्षा में उपस्थित हुए छात्रों को भारी राहत देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सीबीएसई को निर्देश दिया कि वह मॉडरेशन पालिसी को समाप्त करने के अपने फैसले को इस साल लागू नहीं करे।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गीता मित्तल व न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की खंडपीठ ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा देने के बाद मॉडरेशन नीति को खत्म करने का फैसला किया है।

पीठ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा, यह छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को पूरी तरह से बदल सकता है। नियम खेल के शुरू होने के बाद नहीं बदला जा सकता।

अदालत ने कहा, यह निर्देश दिया जाता है कि सीबीएसई अपनी घोषित नीति का पालन करेगी, इसमें मॉडरेशन पालिसी भी शामिल है जो उस वक्त प्रचलन में थी जब बच्चों ने परीक्षा दी थी।

अदालत का यह निर्देश एक जनहित याचिका पर आया है जिसमें यह तर्क दिया गया कि यह नीति इस साल नहीं खत्म होनी चाहिए क्योंकि इससे कक्षा 12वीं के छात्रों पर असर पड़ेगा जिन्होंने विदेश में दाखिले के लिए आवेदन किया है।

यह याचिका एक अभिभावक व वकील द्वारा दायर की गई थी जिसमें कहा गया कि यह नीति इस साल की परीक्षा के बाद अधिसूचना के द्वारा बदली गई और इसलिए इसका छात्रों पर विपरीत असर पड़ेगा।

अंकों का मॉडरेशन मूल्यांकन प्रक्रिया में एकरूपता लाने के लिए किया जाता है जिसमें विभिन्न परीक्षकों द्वारा दिए गए अंकों को एक मानक के अनुरूप किया जाता है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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