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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रसल्स में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक

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ब्रसल्स/लंदन| यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के विदेश मंत्री पेरिस में हुए हालिया आतंकवादी हमले के मद्देनजर इसके खतरे पर चर्चा के लिए सोमवार को ब्रसल्स में बैठक करेंगे।

बीबीसी के अनुसार, बैठक के दौरान आतंकवादी खतरों, सीरिया और इराक में लड़ने के लिए गए यूरोपीय कट्टरपंथियों की वापसी से जुड़ी चिंता और रूस व यूरोप संबंध पर चर्चा की जाएगी।

गौरतलब है कि पेरिस हमले में 17 की लोगों की मौत और बेल्जियम में आतंकवाद घटना को नाकाम किए जाने की घटना के बाद से यूरोप हाई अलर्ट पर है।

28 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कोई फैसला नहीं लिया जाएगा, लेकिन 12 फरवरी को आतंकवाद जुड़े मुद्दे पर होने वाली विशेष बैठक की तैयारी को लेकर विभिन्न विकल्पों पर बातचीत की जाएगी।

इधर, गुरुवार को लंदन में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई के लिए गठित अमेरिका नीत गठबंधन के सदस्य बैठक करेंगे, जिसमें बातचीत का केंद्र आतंकवादी संगठन को हराने के लिए साझा प्रयास रहेगा।

अमेरिकी अधिकारियों ने विदेश मंत्री जॉन केरी के लंदन में होने वाली इस बैठक में हिस्सा लेने की पुष्टि की है।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह बेल्जियम, फ्रांस और जर्मनी में आतंकवाद रोधी कार्रवाई के दौरान 20 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। बेल्जियम में पिछले गुरुवार को छापेमारी की गई थी और विरवियर्स शहर में मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध मारे गए थे।

ग्रीस की राजधानी एथेंस में भी शनिवार को कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

बेल्जियम ने शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए पांच लोगों के खिलाफ आतंकवादी समूह की गतिविधियों में हिस्सा लेने का आरोप लगाया है और इसने एथेंस से आतंकवादी हमले का षडयंत्र रचने में शामिल एक संदिग्ध का प्रत्यर्पण करने की मांग की है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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