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नेशनल

गोरखपुर संसदीय सीट के लिए हिंदू महासभा लोकतांत्रिक ने घोषित किया उम्मीदवार

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लखनऊ, 15 जून (आईएएनएस/आईपीएन)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद रिक्त होने वाली गोरखपुर संसदीय सीट से हिंदू महासभा लोकतांत्रिक के अध्यक्ष डॉ. संतोष रॉय ने चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

गोरखपुर के सांसद योगी को मुख्यमंत्री बनने के बाद के छह महीने में प्रदेश विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य बनना होगा। इसके लिए उन्हें संसद सदस्यता छोड़नी होगी। हालांकि, अभी तक मुख्यमंत्री योगी ने गोरखपुर के सांसद पद से त्यागपत्र नहीं दिया है। इस सीट से किसी भी बड़े दल ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। भाजपा की ओर से प्रीति महाजन के नाम की चर्चा जरूर हो रही है।

गोरखपुर की संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले संतोष रॉय ने कहा, अभी तक इस सीट पर गोरक्षनाथ पीठ के पीठाधीश्वर ही चुनाव लड़ते रहे हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होने जा रहा है। इस सीट से योगी के हटने के बाद हिंदू महासभा लोकतांत्रिक चाहती है कि वहां से हिंदू महासभा से जुड़ा व्यक्ति ही संसद में पहुंचे और इसके लिए योगी को भी इसका समर्थन करना चाहिए।

उन्होंने इस सीट को हिंदू महासभा की परंपरागत सीट बताते हुए कहा कि गोरक्षनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर भले ही भाजपा के सांसद रहे हो, लेकिन हिंदू महासभा की विचारधारा से पूरी तरह जुड़कर उसका सम्मान करते रहे हैं और कर रहे हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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