प्रादेशिक
योगी सरकार का बड़ा फैसला, शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड भंग होंगे
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड जल्द ही भंग कर दिया जाएगा। भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों से घिरे दोनों बोर्ड को भंग करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिलने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यही नहीं, दोनों वक्फ बोर्ड के भ्रष्टाचार की जांच की शिकायत भी सीबीआई से की गई है।
प्रदेश के वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने गुरुवार को कहा, ‘सीएम योगी आदित्यनाथ ने दोनों वक्फ बोर्ड भंग करने की मंजूरी दे दी है। बहुत जल्द दोनों बोर्ड भंग कर दिए जाएंगे।’ उन्होंने बताया कि तमाम कानूनी पहलुओं पर गौर करने के बाद दोनों बोर्ड भंग करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
वक्फ काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा हाल में इन आरोपों की जांच में भी विभिन्न अनियमितताएं पायी गयी थीं। मोहसिन रजा ने शिया और सुन्नी बोर्ड को लेकर वक्फ काउंसिल ऑफ इण्डिया की अलग-अलग तैयार रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी थीं।
हज मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों के चेयरमैन को हटाने के लिए उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिख दिया है। यही नहीं जल्द ही सरकार वफ्फ बोर्डों में हुए भ्रष्टाचार को लेकर श्वेत पत्र जारी करेगी।
मंत्री के अनुसार दोनों ही चेयरमैन पर करोड़ों के घोटालों के गंभीर आरोप हैं।
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नेशनल
दिल्ली में सांस लेना है कितना खतरनाक, देखें इस खबर को
नई दिल्ली। दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण से लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह 6 बजे दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के करीब दर्ज किया गया. जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. आज दिल्ली के अलीपुर में AQI 362, आनंद विहार में 393, जहांगीरपुरी में 384, मुंडका में 396, नरेला में 383, नेहरू नगर में 362, पंजाबी बाग में 370, शादीपुर में 398, रोहिणी में 381 और विवेक विहार में 395 दर्ज किया गया. वायु प्रदूषण के कारण कई लोगों को सांस लेने में और आंखों में जलन की परेशानी हो रही है.
जीवन के 12 साल छीन रहा वायु प्रदूषण
बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। वहीं 51 से 100 एक्यूआई को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच एक्यूआई को गंभीर श्रेणी का माना जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली का प्रदूषण लोगों के जीवन के 12 साल उनसे छीन रहा है। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में एक दिन सांस लेने का मतलब है दिन भर में 10 से अधिक सिगरेट के बारबर धुएं को अपने शरीर में लेना। बता दें कि दिल्ली के वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है।
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