Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

मुजफ्फरपुर दंगेः कर्तव्यों में कोताही बरतने वाले 5 पुलिसकर्मी निलंबित

Published

on

Loading

पटना| कई राज्यों के बाद दंगे की आंच अब बिहार तक पहुंच गई है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद अपने कर्तव्यों में कोताही बरतने के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। दंगे में चार लोगों की मौत हो गई है। मुस्लिम बहुल अजीतपुर बहिलवारा गांव में 20 वर्षीय एक हिंदू लड़के की लाश रविवार को पाए जाने के बाद मचे बवाल ने सांप्रदायिक रंग ले लिया। एक मुस्लिम लड़की से प्रेम प्रसंग के कारण कथित तौर पर अगवा कर उसकी हत्या कर दी गई। युवक की हत्या के बाद उपजे विवाद के सांप्रदायिक रूप लेने के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार मिश्रा ने सरैया पुलिस थाना प्रमुख सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा, “अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) गुप्तेश्वर पांडे का निर्देश मिलने के बाद मैंने पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया। रविवार से ही एडीजीपी इस जिले में मौजूद हैं।” मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इस घटना में शामिल दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी तथा त्वरित सुनवाई का निर्देश पहले ही जारी कर चुके हैं। उन्होंने गुमराह करने वाले उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है, जो इस घटना को सांप्रदायिक दंगे का रूप लेने से रोकने में विफल रहे।

मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी अनुपम कुमार ने टेलीफोन पर  कहा कि गांव का माहौल शांत हो गया है। उन्होंने कहा, “अब गांव में शांति है। हिंसा के बाद गांव छोड़कर भागने वाले लोग सुरक्षा का आश्वसान मिलने के बाद वापस आ गए हैं।” अधिकारी ने कहा कि मामले की प्राथमिकी सोमवार को दर्ज की गई। इसमें दो हजार अज्ञात लोगों तथा 12 लोगों को नामजद किया गया है, जो उस भीड़ का हिस्सा थे, जिन्होंने एक खास समुदाय के ग्रामवासियों पर हमला किया। अधिकारी ने कहा, इस बीच गांव में घटनास्थल पर वीडियोग्राफी करने के आरोप में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending