नेशनल
छत्तीसगढ़ में भी हो सकेगा मौसम विज्ञान में पीएचडी
रायपुर, 24 जून (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के छात्रों को मौसम विभाग में पवीएचडी करने अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि छत्तीसगढ़ के कृषि विश्वविद्यालय में अब इस विषय पर पीएचडी की शुरुआत हो गई है। शुरुआत में विश्वविद्यालय ने सिर्फ दो सीटें ही बनाई हैं, लेकिन जैसे-जैसे इस विषय की उत्सुकता छात्रों में बढ़ेगी, सीटों की संख्या बढ़ा दी जाएगी। प्रदेश के राज्यपाल बलरामदास टंडन ने इस पहल के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई दी है।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी कृष्ण कुमार साहू ने बताया कि इस विषय पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विद्या परिषद की बैठक की अनुशंसा के आधार पर 30 मई को शुरू करने का निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले विश्वविद्यालय के छात्रों को मौसम विज्ञान में पीएचडी करने के लिए अन्य प्रांतों में जाना पड़ता था।
कृष्ण कुमार साहू ने बताया किए वर्तमान में ग्लोबल वार्मिग के कारण प्रदेश में बदलते जलवायु को देखते हुए कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल ने मौसम विज्ञान में पीएचडी को काफी गंभीरता से लिया और यह प्रस्ताव विद्या परिषद को भेजा। परिषद ने इसे अनुमोदित कर विषय शुरू करने की घोषणा की।
साहू ने कहा कि वर्तमान में बदलते जलवायु को देखते हुए किसानों को मौसम की जानकारी देना बहुत ही आवश्यक है। अब का युग परंपरागत कृषि से उठकर वैज्ञानिक कृषि करने का है। मौसम की जानकारी कृषि का महत्वपूर्ण अंग है। देश के प्रत्येक किसान को कृषि के लिए हवा, पानी और तापमान की जानकारी रखना अति आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक कृषि करने के लिए मानव संसाधनों की प्रचुर आवश्यकता होती है।
नेशनल
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।
केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।
Minister @AshwiniVaishnaw replies to the questions asked by member @arungovil12 during #QuestionHour in #LokSabha regarding Laws to Check Vulgar Content on Social Media. @ombirlakota @loksabhaspeaker @LokSabhaSectt @MIB_India pic.twitter.com/xu6wEzGNy1
— SansadTV (@sansad_tv) November 27, 2024
नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।
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