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अन्तर्राष्ट्रीय

फिलीपींस में रमजान के लिए संघर्ष विराम के बाद फिर झड़पें शुरू

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मनीला, 26 जून (आईएएनएस)| फिलीपींस में सुरक्षा बलों और इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संबंधित आतंकवादियों के बीच मरावी में सोमवार को एक बार फिर संघर्ष की शुरुआत हो गई। दोनों पक्षों के बीच रविवार को रमजान की समाप्ति व ईद के मद्देनजर आठ घंटे के संघर्ष विराम पर सहमति बनी थी। समाचार एजेंसी एफे न्यूज के अनुसार, सैन्य प्रवक्ता रेसिटुटो पैडिला ने बताया कि रविवार की शांति के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के कब्जे वाले क्षेत्र को मुक्त कराने के लिए नए सिरे से कार्रवाई शुरू कर दी है।

सेना शहर के चार इलाकों को मुक्त कराने का प्रयास कर रही है, जो तथाकथित मॉते समूह और अन्य आतंकवादी संगठनों के कब्जे में है।

कुछ घंटों के लिए संघर्ष विराम पर सहमति इसलिए बनी थी, ताकि आईएस के कब्जे वाले क्षेत्रों में फंसे नागरिक ईद की नमाज अदा कर सकें और खुशियों का त्योहार मना सकें।

प्रवक्ता ने बताया आठ घंटे के संघर्ष विराम के दौरान एक बुजुर्ग शख्स और एक लड़के सहित छह लोगों को बचा लिया गया।

मरावी में संकट की शुरुआत 23 मई को उस समय हुई थी, जब मॉते आतंकवादी समूह ने स्थानीय और विदेशी आतंकवादियों की मदद से मिंडानाओ द्वीप के इस शहर में हथियार उठाते हुए आईएस के काले झंडे लहराए और एक पुलिस स्टेशन, एक स्कूल, एक कारागार और एक चर्च को आग लगा दी।

अब तक इस संघर्ष में 290 आतंकवादी, 69 सुरक्षाकर्मी और 27 नागरिक मारे जा चुके हैं। एक स्थानीय इमाम की रविवार को संघर्ष के दौरान मौत हो गई।

आतंकवादियों के कब्जे वाले इलाकों में अब भी 300 से 500 के बीच लोग फंसे हुए हैं।

करीब दो लाख लोगों की आबादी वाले मिंडानाओ द्वीप में जंग छिड़ने के बाद से राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने मार्शल लॉ घोषित कर रखा है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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