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जीएसटी आम आदमी पर बोझ, महंगाई बढ़ेगी : चिदंबरम
कराईकुडी (तमिलनाडु), 1 जुलाई (आईएएनएस)| पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी.चिदंबरम ने यहां शनिवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आम आदमी पर बोझ साबित होगा और सूक्ष्म, छोटे व मंझोले व्यापारियों को यह बुरी तरह प्रभावित करेगा, क्योंकि जिस कानून को लागू किया गया है, वह वैसा नहीं है, जैसी योजना मूल रूप से बनाई गई थी। इससे कई चीजें महंगी हो जाएंगी। चिदंबरम ने यहां प्रेस वार्ता में कहा कि नए कानून का मुनाफाखोरी-रोधी प्रावधान अधिकारियों के हाथ में उत्पीड़न के औजार का काम करेगा।
पूर्व मंत्री ने कहा कि 80 फीसदी वस्तु व सेवाओं पर कर लगेगा और कीमतें बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, महंगाई बढ़ेगी। सरकार इस बारे में क्या कर रही है?
चिदंबरम ने कहा कि सूक्ष्म, छोटे तथा मंझोले उद्यमी व व्यापारी ‘बुरी’ तरह प्रभावित होंगे, क्योंकि नए कानून को अपनाने के लिए उनकी तैयारी नहीं है।
उन्होंने कहा, व्यापारी वर्ग जीएसटी अपनाने के लिए कुछ समय चाहता था, लेकिन सरकार ने उन्हें वक्त देने से इनकार कर दिया।
पूर्व मंत्री ने कहा कि समझौते के नाम पर एक ‘अजीब व्यवस्था’ बनाई गई है और कानून को जल्दबाजी में लागू कर दिया गया, जबकि कारोबारी व कारोबार ने कुछ और वक्त मांगा था, क्योंकि वे इसके लिए तैयार नहीं थे। नए कानून के नतीजे कुछ वक्त बाद दिखाई पड़ेंगे।
चिदंबरम ने कहा, यह असल जीएसटी नहीं है, जिसकी इच्छा कांग्रेस ने जताई थी और जिसे आदर्श रूप में विशेषज्ञों ने तैयार किया था। स्वरूप बदलकर लागू किया जाना दुखद है। इससे बदतर कानून और कोई नहीं हो सकता।
पूर्व मंत्री ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने इस कानून के लिए काफी मेहनत की थी और उस वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसका बुरी तरह से विरोध किया था। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते खुद नरेंद्र मोदी ने इसका विरोध किया था।
उन्होंने कहा, भाजपा जब विपक्ष में थी, तो उसने जीएसटी का पुरजोर विरोध किया था। इस तथ्य से कोई भी इनकार नहीं कर सकता।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जीएसटी का मतलब होता है, एक कर और कांग्रेस ने 15 फीसदी के मानक दर को स्वीकार किया था, जिसमें एक फीसदी कम या ज्यादा को तरजीह दी गई थी।
उन्होंने कहा, हम पहले ही कह चुके हैं कि किसी भी दर पर कर 18 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकता। हमने इस बात को भी स्वीकार किया है कि मौजूदा आर्थिक हालात के मद्देनजर, कर की एक दर नहीं हो सकती।
चिदंबरम ने कहा कि एक दर की अवधारणा के विपरीत नए कानून में कई दरें हैं- जीरो फीसदी, 2.5 फीसदी, 3 फीसदी, 5 फीसदी, 15 फीसदी, 18 फीसदी, 28 फीसदी तथा 40 फीसदी।
चिदंबरम ने दलील दी कि पेट्रोलियम, बिजली तथा अल्कोहल जैसे कई उत्पाद जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।
उन्होंने कहा, ताज्जुब की बात है कि पेट्रोलियम और बिजली, जो देश की अर्थव्यवस्था का 35-40 फीसदी है, वे जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, नए कानून का मुनाफाखोरी-रोधी प्रावधान अधिकारियों के हाथ में उत्पीड़न के औजार के तौर पर काम करेगा और हर किसी को पता है कि जब अधिकारियों के हाथ में उत्पीड़न का औजार थमा दिया जाता है, तो क्या होता है।
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस जीएसटी के खिलाफ नहीं है, बल्कि जिस तरह और जिस बदले हुए स्वरूप में इसे लागू किया जा रहा है, वह उसके खिलाफ है।
चिदंबरम ने यह भी कहा कि जीएसटी का प्रभाव मुद्रास्फीति पर पड़ेगा।
कांग्रेस ने जीएसटी लागू करने को लेकर संसद के सेंट्रल हॉल में आधी रात को हुए समारोह का बहिष्कार किया था।
नेशनल
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।
केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।
Minister @AshwiniVaishnaw replies to the questions asked by member @arungovil12 during #QuestionHour in #LokSabha regarding Laws to Check Vulgar Content on Social Media. @ombirlakota @loksabhaspeaker @LokSabhaSectt @MIB_India pic.twitter.com/xu6wEzGNy1
— SansadTV (@sansad_tv) November 27, 2024
नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।
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