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उप्र : कुलपति सम्मलेन में भी छात्र संघ चुनाव पर फैसला नहीं

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लखनऊ, 6 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राज्यपाल राम नाईक, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा तथा 31 कुलपतियों की उपस्थिति में आयोजित राज्य विश्वविद्यालय कुलपति सम्मलेन में भी कई मुद्दों पर चर्चा तो हुई, लेकिन छात्र संघ चुनाव मामले पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। कुलपति सम्मलेन के बाद योजना भवन में पत्रकारों से मुखातिब उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने इसकी जानकारी दी। हालांकि छात्रसंघ के मुद्दे पर चर्चा भी हुई, लेकिन पिछली सरकारों की तरह इस सरकार द्वारा भी इस मामले पर कोई निर्णय लेने की पहल न किए जाने से यह मामला फिलहाल अधर में लटका दिख रहा है।

उपमुख्यमंत्री एवं प्रदेश के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा, सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस संबंध में सुझाव मांगे गए थे, उन्होंने अपने सुझाव दे दिए हैं। अब सरकार और शासन के स्तर पर इन सुझावों को अमल में लाने पर विचार होगा। फिलहाल इस वर्ष ये छात्रसंघ चुनाव होने की संभावना नहीं है।

सम्मलेन में अन्य बिंदुओं पर हुयी चर्चा का जिक्र करते हुए डॉ. दिनेश शर्मा ने कार्यक्रम को अत्यंत सफल आयोजन करार दिया।

उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि, शिक्षा में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देना, परीक्षा प्रणाली में सुधार, आदि विषयों पर सकारात्मक चर्चा के लिए यह आयोजन किया गया। इस आयोजन में अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं के साथ उच्च शिक्षा में शिक्षकों की नियुक्ति के मामले पर भी चर्चा हुई। उच्च शिक्षा में कंप्यूटर लैब तथा ई-लाइब्रेरी को आवश्यक करने पर भी चर्चा हुई।

दिनेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर शोध को प्रोत्साहित करने, स्किल डेवलेपमेंट के पाठ्यक्रमों को उच्च शिक्षा के साथ जोड़ने, तथा परीक्षा प्रणाली को कम्प्यूटरीकृत करने, क्षेत्रीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं को पाठ्यक्रमों में शामिल करने आदि पर भी चर्चा हुई।

दिनेश शर्मा ने बताया, विश्वविद्यालयों में एक एडवाइजरी बोर्ड गठित करने, शिक्षकों की अवकाश प्राप्ति की आयु को 65 वर्ष करने, तथा विश्वविद्यालयों द्वारा अपने स्तर पर ही तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का चयन करने के संबंध में शासन से अनुरोध करने की बात पर भी आज चर्चा हुई।

उन्होंने कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए या कौशल विकास के तमाम पाठ्यक्रम विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों के साथ पढ़ाए जाएं, इस पर भी चर्चा हुई। अध्यापकों को अन्य (जनगणना आदि) कार्यो में न लगाकर उसे प्रसन्न मन से शिक्षण कार्य में ही रत रहने दिया जाए, इसके लिए सारी आवश्यक व्यवस्था करने पर भी सकारात्मक चर्चा हुई है।

उन्होंने बताया कि नकल विहीन परीक्षा हो इसके लिए माध्यमिक और उच्च शिक्षा दोनों में आवश्यकता अनुसार व्यवस्था करने, तथा शिक्षको को अनलाइन रिक्त पदों के लिए आवेदन करने की कम्प्यूटरीकृत व्यवस्था करने, उत्तर प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने तथा अध्यापकों शिक्षकों की कमी को पूरा करने एवं शिक्षा में अतिरिक्त शुल्क को नियंत्रित करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई।

उपमुख्यमंत्री ने बताया, शिक्षकों के आवासीय भत्तों में 20 प्रतिशत तक वृद्धि करने का आदेश जारी हो चुका है, अब शिक्षकों को चिकत्सा सुविधाओं के लिए भत्ता देने का मामला भी चर्चा में आया है, आज लगभग इस मामले पर आम सहमति बन गई है, फिलहाल विश्वविद्यालय अपने संसाधनों से यह व्यवस्था करने पर विचार कर सकते हैं।

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नेशनल

दिल्ली की खराब एयर क्वालिटी को देखते हुए सीएम आतिशी ने लिया बड़ा फैसला

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी प्राथमिक विद्यालय खराब (AQI ) के कारण बंद कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण सभी प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन क्लास होगी। छात्र-छात्राओं को स्कूल नहीं जाना होगा। अगले निर्देश तक दिल्ली के प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं चलेंगी।

क्या बताया सीएम आतिशी ने कारण ?

राष्ट्रीय राजधानी की एयर क्वालिटी लगातार दूसरे दिन भी ‘गंभीर’ श्रेणी में रही, जिसके चलते अधिकारियों को पॉल्यूशन रोकने के लिए कड़े कदम उठाने पड़े। प्रतिबंध आज शुक्रवार से लागू हो रहे हैं। शिक्षा विभाग का कार्यभार भी संभाल रहीं सीएम आतिशी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “बढ़ते प्रदूषण स्तर के कारण, दिल्ली के सभी प्राइमरी स्कूल अगले निर्देश तक ऑनलाइन कक्षाओं में चलाए जाएंगे।”

इसके मद्देनजर शिक्षा निदेशालय (DoE) ने सभी सरकारी, प्राइवेट, दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के स्कूलों के प्रिंसिपल को निर्देश दिया है कि 5वीं तक के बच्चों को स्कूल में नहीं बुलाएं, डीओई ने कहा कि अगले आदेश तक इनके लिए ऑनलाइन क्लास के व्यवस्था की जाए।

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