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‘जेवर हवाईअड्डा ग्रेटर नोएडा में आवास उद्योग में लाएगा बहार’

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नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)| राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के जेवर में अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे के निर्माण को मंजूरी मिलने के बाद न केवल राजधानी के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे ‘आईजीआई’ पर पड़ने वाला बोझ कम होगा बल्कि दो-तीन वर्षो से अनदेखी झेल रहे ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के पास आवास उद्योग के एकबार फिर गुलजार होने की उम्मीद है।

सीबीआरई इंडिया एंड साउथ ईस्ट एशिया के अध्यक्ष अंशुमान मैगजीन ने आईएएनएस से कहा, इतने बड़े पैमाने पर किसी भी बुनियादी ढांचे के निर्माण से आर्थिक गतिविधि, विशेषकर पर्यटन, औद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएं (आईटीईएस) और वाणिज्यिक क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा, इसके अतिरिक्त व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही इस कदम से आवास उद्योग पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

हवाईअड्डे से 30-40 किलोमीटर के दायरे में आने वाले इलाकों में तत्काल सकारात्मक असर दिखाई देगा।

उन्होंने कहा, इसके बाद हवाईअड्डे के 50-60 किलोमीटर के दायरे वाले क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव आने की उम्मीद की जा सकती है।

उन्होंने कहा, चूंकि हवाईअड्डे का निर्माण अभी योजना के चरण में है इसलिए इन प्रभावों के नजर आने में अभी समय लगेगा।

रिसर्च एंड रियल एस्टेट इंटेलिजेंस सर्विस जेएलएल इंडिया के सहायक निदेशक रोहन शर्मा के अनुसार, हमें इस संपूर्ण अवधि को ध्यान में रखना होगा जो हवाई अड्डे के निर्माण और संचालन के लिए आवश्यक होगी। वर्तमान अनुमोदन के अलावा भी कई मंजूरियां हैं जो नियोजन और कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों के लिए जरूरी हैं।

उन्होंने कहा, हवाई अड्डा जब सच में बनता दिखने लगेगा, उसके बाद ही आसपास के क्षेत्रों में इसका प्रभाव महसूस होगा।

बढ़ते संचार और कई बुनियादी सुविधाओं के उन्नयन के साथ, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के आस-पास के इलाके पहली बार घर खरीदने वालों के लिए सस्ते विकल्प के रूप में उभरेंगे।

कन्फेडेरशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया-महाराष्ट्र चैंबर ऑफ हाउजिंग इंडस्ट्री (सीआईडीएआई-एमसीएचआई) के अध्यक्ष धर्मेश जैन ने कहा, हवाई अड्डे के निर्माण के साथ लोग इन दोनों क्षेत्रों की अचल संपत्ति निवेश की व्यवहार्यता को पहचानना शुरू कर देंगे। यह आवासीय और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए एक बड़ा कदम होगा।

उन्होंने कहा, इस क्षेत्र में बढ़ी हुई आर्थिक गतिविधियां सभी क्षेत्रों पर मजबूत प्रभाव डालेंगी।

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सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।

केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।

नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।

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