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मुख्य समाचार

किसानों की दुर्दशा पर कांग्रेस का लोकसभा से बर्हिगमन

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नई दिल्ली, 21 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस ने शुक्रवार को सरकार पर किसानों की चिंताएं दूर करने के लिए उचित कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया और इसके साथ ही कांग्रेस सदस्य लोकसभा से बर्हिगमन कर गए। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसानों के मामले पर चुप्पी को लेकर भी निंदा की।

कांग्रेस सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने शून्य काल के दौरान कहा, चाहे मध्य प्रदेश हो या महाराष्ट्र, पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। इस मुद्दे पर सदन में चर्चा हुई, लेकिन हमें प्रधानमंत्री से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

उन्होंने कहा कि चर्चा के समय केंद्र ने यह साफ नहीं किया कि उसका एम.एस. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के क्रियान्वयन की मंशा है या नहीं।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने 2014 के चुनाव अभियान के दौरान आयोग की सिफारिशें लागू करने का वादा किया था।

उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ दल हरदम किसानों की दुर्दशा के लिए संप्रग पर आरोप लगाता है, लेकिन हमने बीते 60 सालों में जो नहीं किया, वह बीते तीन सालों में राजग सरकार ने किसानों पर कर्ज लादकर किया है।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री को इसका उत्तर देना चाहिए। चूंकि उन्होंने उत्तर नहीं दिया, इसलिए हम बर्हिगमन कर रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस सदस्य सदन से बाहर चले गए।

संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने आरोपों का जवाब दिया और कहा कि विपक्ष घड़ियाली आंसू बहा रहा है।

विपक्षी नेताओं के बुधवार को कृषि संकट पर बहस के दौरान अनुपस्थित रहने को लेकर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस को किसानों की दुर्दशा से कुछ नहीं लेना-देना है। वे घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बुधवार को चर्चा सुबह 10 बजे होनी थी, लेकिन सिर्फ दो कांग्रेस सदस्य सदन में मौजूद रहे।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को पूरे प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के हंगामे के बाद हुड्डा को बोलने की अनुमति दी।

सदन की बैठक शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों ने मोदी से कृषि संकट पर जवाब मांगा, लेकिन महाजन ने उन्हें इजाजत नहीं दी। इस पर कांग्रेस सदस्य लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच कर नारेबाजी करने लगे।

इसके बाद भी महाजन ने नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल चलाया। सदन में कांग्रेस के बर्हिगमन के बाद जनता के महत्व के मुद्दों क उठाया गया।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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