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सीएजी की रक्षा रिपोर्ट में हथियारों की कमी का खुलासा चिंताजनक : कांग्रेस

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नई दिल्ली, 22 जुलाई (आईएएनएस)| नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में भारतीय सेना के पास हथियारों, खासकर टैंक और अन्य तोपों की भारी कमी के खुलासे को चिंताजनक करार देते हुए कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की केंद्र सरकार पर रक्षा बलों के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यहां पत्रकारों से कहा, प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को निश्चित तौर पर इसका जवाब देना होगा, क्योंकि जब से उनकी सरकार बनी है, वे देश के रक्षा बलों के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं।

आनंद शर्मा ने कहा, अब अगर देश तैयार नहीं है, या पूरी तरह तैयार नहीं है और जरूरतें बनी हुई हैं और पिछले तीन वर्षो से हथियारों और उपकरणों की सख्त जरूरत को पूरा नहीं किया गया है, तो निश्चित तौर पर इस सरकार से कहीं न कहीं तो चूक हुई है।

शर्मा शुक्रवार को संसद में पेश की गई सीएजी की रिपोर्ट के संदर्भ में यह आरोप लगा रहे थे, जिसमें कहा गया है कि देश के रक्षा बलों के पास युद्ध की स्थिति में हथियारों के पर्याप्त भंडारण में कोई सुधार नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि युद्ध की स्थिति में 40 दिन तक इस्तेमाल योग्य हथियारों का भंडारण रखा जाता है।

जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान के साथ और पूर्वोत्तर में चीन के साथ चल रहे सीमा तनाव का उल्लेख करते हुए शर्मा ने कहा, ऐसे समय में जब देश दो दिशाओं में सीमा पर तनाव से जूझ रहा है, सीएजी की रिपोर्ट में हुआ यह खुलासा परेशान करने वाला है।

उन्होंने यह भी कहा कि नियंत्रण रेखा पर और अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा पर लंबे समय से भारी गोलीबारी जारी है।

शर्मा ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सेना की वास्तविक जरूरतें पूरी हों।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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