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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया : किम ने युद्धविराम की 64वीं बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी

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पियोंगयांग, 28 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन ने 1950-53 के कोरियन युद्धविराम की बरसी पर संघर्ष के दौरान मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए सैन्य समाधिस्थल का दौरा किया। शुक्रवार को राज्य संचालित मीडिया की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। समाचार एजेंसी केसीएनए और रोडोंग सीनमुन समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, किंग ने गुरुवार को पियोंगयांग के बाह्य क्षेत्र में स्थित फदरलैंड लिबरेशन युद्ध शहीद समाधिस्थल का युद्धविराम हस्ताक्षर की 64वीं बरसी के उपलक्ष्य में दौरा किया।

समाचार एजेंसी एफे न्यूज के अनुसार, कोरियन पीपल्स आर्मी के प्रतिनिधियों के साथ किंम जोंग-उन ने समाधिस्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पिछले 15 दिनों में यह उनकी पहली सार्वजनिक उपस्थिति है।

उत्तर कोरिया इस दिन को ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाता है। बावजूद इसके कि युद्ध एक संघर्ष विराम की घोषणा के साथ बंद हुआ था, जो कभी एक संधि का रूप नहीं ले सका। इससे आज भी उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया तकनीकी रूप से युद्ध की स्थिति में हैं।

युद्धविराम की बरसी उस समय आई है, जब पियोंगयांग अन्य मिसाइल लांच की योजना बना सकता है। पिछले हफ्ते इस तरह की रिपोर्ट आई थी कि कुसोंग शहर के पास एक शटल की तैनाती की गई है।

उत्तर कोरिया की सेना ने देश के उत्तरपश्चिम में इस वर्ष कई प्रमुख लांच किए हैं, जिनमें उसका 4 जुलाई को पहला अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) ह्वासोंग-14 शामिल है, जिसकी अमेरिका के इलाके को अपने दायरे में लेने की क्षमता है।

पियोंगयांग, सियोल द्वारा इस महीने की शुरुआत में क्षेत्रीय तनाव को कम करने के लिए बुलाई गई वार्ता में चुप बना रहा है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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