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मुख्य समाचार

नीतीश राजनीति के सबसे बड़े ‘पलटूराम’ : लालू

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पटना, 1 अगस्त (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीति का सबसे बड़ा ‘पलटूराम’ बताते हुए कहा कि उनसे बड़ा सत्तालोभी कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी इस्तीफा दे भी देते, तब भी नीतीश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बना लेते। इनकी ‘सेटिंग’ पहले से चल रही थी। राजद अध्यक्ष ने यहां संवाददाताओं से कहा, नीतीश पलटीबाज, पलटूराम हैं। इनका यही राजनीतिक चरित्र रहा है। इन्होंने अब तक न जाने कितने लोगों का दामन थामा है और कितनों को छोड़ा है। ये क्या हैं, यह सबको पता है।

नीतीश द्वारा खुद को ‘कद्दावर नेता’ कहे जाने पर पलटवार करते हुए लालू ने कहा, अगर ये इतने ही कद्दावर नेता हैं, तब 2014 के लोकसभा चुनाव में दो पर ही क्यों सिमट गए थे, हम तो चार सीट पर चुनाव जीते। कुछ सीटों पर कुछ ही वोटों से हारे।

राजद प्रमुख ने कहा, सच तो यह है कि नीतीश कुमार का कोई जनाधार ही नहीं है। बिना गठबंधन इनका काम ही नहीं चलता है। गठबंधन करना और कुछ दिन बाद धोखा दे देना, यही इनका रिकार्ड रहा है।

नीतीश को ‘चादर ओढ़कर घी पीने वाला नेता’ बताते हुए लालू ने कहा कि नीतीश कितने बड़े सिद्धांतवादी, आदर्शवादी और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस वाले हैं, यह सबको पता चल गया है।

नीतीश द्वारा सोमवार को खुद को ‘मास बेस’ का नेता बताए जाने पर लालू ने कहा, अगर ऐसा ही है, तो वह पटना में आयोजित कुर्मी सम्मेलन में भाग लेने क्यों गए थे।

राजद प्रमुख ने दावा किया कि आज तक उन्होंने कभी भी यादव सम्मेलन का न तो आयोजन किया है और न ही ऐसे आयोजनों में शामिल हुए हैं।

लालू ने कहा, नीतीश तेजस्वी यादव के अच्छे काम और बढ़ती लोकप्रियता से डर गए और बहाना बनाकर भाजपा के साथ मिल गए। तेजस्वी सिर्फ बहाना थे। तेजस्वी अगर इस्तीफा भी दे देते तब भी नीतीश भाजपा के साथ ही मिलते। आनन-फानन में जो कुछ हुआ, इसी से पता चलता है कि इसकी तैयारी वह काफी दिनों से कर रहे थे, सारा सबकुछ प्री प्लान था।

जदयू प्रमुख द्वारा महागठबंधन तोड़े जाने से नाराज राजद प्रमुख ने नीतीश के राजनीतिक चरित्र पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा, अब नीतीश कुमार जय श्रीराम, जय श्रीराम करते रहें। भगवा ध्वज भी कंधा पर डाल लें।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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