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देश के 91 प्रमुख जलाशयों का भंडारण 4 फीसदी बढ़ा
नई दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)| देश के 91 प्रमुख जलाशयों में तीन अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान 67.683 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का संग्रहण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 43 फीसदी है। 27 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह के अंत के दौरान यह 39 फीसदी था। इस साल तीन अगस्त का संग्रहण स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 104 फीसदी तथा पिछले दस वर्षो के औसत जल संग्रहण का 97 फीसदी रहा।
जल संसाधन मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार, इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो समग्र रूप से देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 फीसदी है। इन जलाशयों में 37 ऐसे हैं जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली का लाभ देते हैं।
पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है, उनमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। पिछले साल की इसी अवधि के लिए पिछले साल की तुलना में कम संग्रहण करने वाले राज्यों में ओडिशा, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना (दोनों राज्यों में दो मिश्रित परियोजनाएं), केरल और तमिलनाडु शामिल हैं।
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात
कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’
4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।
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