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अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध के बाद उत्तर कोरिया की अमेरिका को धमकी

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प्योंगयांग, 8 अगस्त (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा देश पर नए प्रतिबंध लगाए जाने से भड़के उत्तर कोरिया ने इसे अवैध और आतंकवादी कार्रवाई बताते हुए वास्तविक कार्रवाई (फिजिकल एक्शन) करने की धमकी दी है। समाचार एजेंसी एफे न्यूज के मुताबिक, एक बयान में उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण करने पर नवीनतम प्रतिबंधों को दंडात्मक कार्रवाई माना है और अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को नतीजा भुगतने की धमकी दी है।

देश की सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए द्वारा प्रकाशित उत्तर कोरियाई एशिया-प्रशांत शांति समिति के प्रवक्ता के मुताबिक, अमेरिका और उसके सहयोगियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम अपनी राष्ट्रीय शक्ति को पूरी तरह से संगठित करके ‘फिजिकल एक्शन’ सहित अन्य रणनीतिक कदम उठाने के लिए तैयार हैं।

यह समिति ‘वर्कर्स पॉर्टी ऑफ नार्थ कोरिया’ से जुड़ी हुई है और इसने अमेरिका पर यह भी आरोप लगाया है कि वह अन्य देशों को डराकर प्रतिबंधों को अपनाने के लिए मजबूर कर रहा है। समिति ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को उत्तर कोरिया के खिलाफ आतंकवादी कार्रवाई करार दिया है।

केसीएनए द्वारा मंगलवार को अलग से जारी एक बयान में किम जोंग-उन की सरकार ने उत्तर कोरिया से सटी पश्चिमी सीमा पर दक्षिण कोरिया पर सैन्य अभ्यास (लाइव फायर) करने का आरोप लगाया और उसे धमकी दी कि ऐसा करने से ‘वह (दक्षिण कोरिया) आग की नदी में तब्दील हो सकता है।’

उत्तर कोरिया ने तर्क दिया है कि इसके परमाणु व मिसाइल कार्यक्रम का उद्देश्य अमेरिकी हमले को रोकना है। उत्तर कोरिया का अमेरिका के साथ 60 सालों से भी ज्यादा समय से तकनीकी रूप से युद्ध चल रहा है।

उत्तर कोरिया पर लगा नवीनतम प्रतिबंध उसके द्वारा चार जुलाई को पहले अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण करने और फिर 28 जुलाई को इसी तरह के दूसरे मिसाइल का परीक्षण करने के जवाब में है। ये परीक्षण सफल रहे थे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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