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झारखंड : कॉलेज छात्रा के कपड़े उतारने के मामले की जांच का आदेश

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रांची, 8 अगस्त (आईएएनएस)| झारखंड सरकार ने दुमका जिले में मोबाइल चोरी के आरोप में एक कॉलेज छात्रा के कपड़े उतारे जाने के मामले की जांच का आदेश दिया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

मुख्यमंत्री रघुबर दास ने अधिकारियों को घटना की जांच करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

चार अगस्त को हुई इस घटना की जांच तीन सदस्यीय टीम करेगी। कहा जा रहा है कि एक महिला कॉलेज की बीए प्रथम वर्ष की छात्रा पर मोबाइल चोरी का आरोप लगाकार अन्य छात्राओं ने उसके कपड़े उतार दिए थे।

पुलिस के मुताबिक, कपड़े उतारने का आदेश एक महापंचायत करने के बाद दिया गया था। कुछ लड़कियों ने पीड़ित लड़की को एक ऐसे मोबाइल के साथ जाते देख लिया था, जो कुछ दिन पहले गुम हो गया था। लड़कियों को संदेह हुआ कि यह गुम हुआ मोबाइल है।

पुलिस ने बताया कि कॉलेज में चार अगस्त को महापंचायत बुलाई गई, जिसमें पीड़ित पर मोबाइल चोरी करने का आरोप लगाया गया। उन लोगों ने उसे ‘पीटने और उसके कपड़े उतारने’ के आदेश दिए। कुछ लड़कियों ने इस घटना का वीडियो बना लिया और तस्वीरें ले ली।

इन लड़कियों ने पीड़ित को 18,600 रुपये नहीं देने पर वीडियो क्लिप को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी दी।

सूचना मिलने पर छात्रा के पिता कॉलेज पहुंचे। उन्होंने लड़कियों को शांत करने का प्रयास किया और बैल बेचकर पैसे देने का वादा किया।

उन्होंने 25 अगस्त तक का वक्त मांगा, लेकिन वीडियो क्लिप सार्वजनिक कर दिया गया।

वीडियो के वायरल होने पर पीड़ित छात्रा ने कॉलेज प्रशासन, पुलिस और अन्य लोगों से न्याय पाने के लिए संपर्क किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

मीडिया ने जब यह मुद्दा उठाया तो राज्य सरकार हरकत में आई।

पुलिस ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और कॉलेज की अन्य लड़कियों से पूछताछ की जा रही है। अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

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सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।

केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।

नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।

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