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न्यायालय ने जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे पर केंद्र से जवाब मांगा
नई दिल्ली, 8 अगस्त (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र और जम्मू एवं कश्मीर सरकार को संविधान के अनुच्छेद 370 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। अनुच्छेद 370 राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. केहर, न्यायमूर्ति ए.के. गोयल और न्यायमूर्ति डी.वाय. चंद्रचूड़ की सदस्यता वाली पीठ ने कुमारी विजयलक्ष्मी झा द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर की गई अपील पर केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा।
झा ने तर्क में कहा है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है, जो 1957 में राज्य की संविधान सभा के विघटन के साथ ही गैर प्रभावकारी हो गया।
अनुच्छेद 370 के अस्थायी प्रावधान को जारी रखना संविधान की मूल भावना के साथ धोखा है, क्योंकि इसे कभी भी राष्ट्रपति या संसद की मंजूरी नहीं मिली।
याचिका में कहा गया है कि राज्य को विशेष दर्जा दिया जाना देश की संप्रभुता और एकता के खिलाफ है।
अप्रैल में न्यायमूर्ति जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने झा की याचिका रद्द कर दी थी, जिसके बाद झा ने शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
नेशनल
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।
केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।
Minister @AshwiniVaishnaw replies to the questions asked by member @arungovil12 during #QuestionHour in #LokSabha regarding Laws to Check Vulgar Content on Social Media. @ombirlakota @loksabhaspeaker @LokSabhaSectt @MIB_India pic.twitter.com/xu6wEzGNy1
— SansadTV (@sansad_tv) November 27, 2024
नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।
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