Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

पश्चिम बंगाल विधानसभा में जीएसटी विधेयक पारित

Published

on

Loading

कोलकाता, 8 अगस्त (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल वस्तु एवं सेवा कर विधेयक, 2017 को विधानसभा में सोमवार को पारित कर दिया गया। यह विधेयक अब ममता बनर्जी सरकार द्वारा नई कर प्रणाली को लेकर लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। भारतीय जनता पार्टी-नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ‘आवश्यक अवसंरचना के बगैर’ नई कर प्रणाली को लागू कर दिया गया और राज्य को इसके लिए अध्यादेश लाने पर मजबूर किया गया।

बनर्जी ने बहस में शामिल होते हुए कहा कि जीएसटी को लागू करने से आम आदमी को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा, हमें राज्य में अध्यादेश लाने पर मजबूर किया गया। अगर हम ऐसा नहीं करते तो केंद्र के खजाने से राज्य को पैसा मिलना संभव नहीं होता।

वित्तमंत्री अमित मित्रा ने डब्ल्यूबीजीएसटी विधेयक पेश करते हुए कहा कि इसे पारित करना राज्य की मजबूरी है, लेकिन वे परिषद की आगे की बैठकों में आम लोगों के लिए लड़ते रहेंगे।

उन्होंने कहा, मैंने बैठकों में न केवल विरोध किया, बल्कि एक बार बैठक का विरोध करते हुए बीच में छोड़कर निकल गया था। प्रणाली में करीब 4,000 करोड़ रुपये लेन-देन दर्ज किए जाएंगे, जिसको जीएसटीएन (जीएसटी नेटवर्क) संभालेगा।

उन्होंने कहा, जब मैंने जीएसटीएन अधिकारियों से प्रणाली के परीक्षण के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि हरेक राज्य से 200 कंपनियों का परीक्षण किया गया, जिसमें से 30 फीसदी असफल रहे। इससे साबित होता है कि प्रणाली अभी तैयार नहीं है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से जीएसटी टालने को कहा था, ताकि ‘लोगों को, प्रौद्योगिकी और प्रणाली को’ नई कर प्रणाली के लिए समय मिल सके। बहस में भाग लेनेवाले वामपंथी सदस्यों ने भी विधेयक का विरोध किया। यह कानून ध्वनि मत से पारित किया गया।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

Continue Reading

Trending