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नेशनल

गोरखपुर के मासूमों के लिए जंतर मंतर पर सत्याग्रह

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नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)| जंतर मंतर पर सोमवार को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित आजादी सत्याग्रह में बच्चों तथा समाज सेवियों ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से अधिक बच्चों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर शोक जताया। इस सत्याग्रह में काफी संख्या में राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और मोमबतियां जलाकर गोरखपुर में मौत के शिकार हुए मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि दी। इन बच्चों और समाजिक कार्यकर्ताओं ने मौन जुलूस भी निकाला।

इनमें आम आदमी पार्टी नेता अलका लांबा, दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरुमेहर कौर, छात्र नेता पंखुरी पाठक, छात्र नेता अमृता धवन, कांग्रेस नेता हारून यूसुफ और जयप्रकाश अग्रवाल, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और आशुतोष तथा राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने भी हिस्सा लिया।

वक्ताओं ने इस बात पर दुख जताया कि आज जब हमारा देश आजादी की 71वीं सालगिरह मना रहा है वैसे में एक राज्य के एक प्रमुख अस्पताल में 70 से अधिक बीमार बच्चे इसलिए मौत के ग्रास बन जाते हैं, क्योंकि उन्हें ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है।

इस सत्याग्रह का आयोजन टीम मासुका (मानव सुरक्षा कानून) की ओर से किया गया। समाज में बढ़ती हिंसक घटनाओं तथा महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के उद्देश्य से टीम मासुका का गठन किया गया। टीम मासुका के संस्थापकों में समाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला और शहजाद पूनावाला प्रमुख हैं।

इस मौके पर महिला कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के बलिया में 12वीं कक्षा की छात्रा रागिनी दुबे की निर्मम हत्या पर भी दु:ख जताया। साथ ही देश में महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता पर होने वाले हमलों पर चिंता जताई।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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