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नेशनल

बिहार : बाढ़ का पानी भी देशभक्ति के जज्बे को रोक नहीं सका

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पटना, 15 अगस्त (आईएएनएस)| बिहार में मंगलवार को धूमधाम और हषरेल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में बाढ़ की त्रासदी भी यहां के जश्न-ए-आजादी में देशभक्ति के जज्बे को रोक नहीं सका है। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में अधिकारियों ने बाढ़ के पानी में नौका पर खड़े होकर ध्वजारोहण किया, जबकि कमर भर पानी में देश के जवानों ने तिरंगे को सलामी दी। बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित बिहार के बगहा में जल सैलाब और तबाही के बीच स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। यहां पानी से डूबे अनुमंडलीय मैदान में अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) धर्मेद्र कुमार ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया।

बगहा के पुलिस अधीक्षक शंकर झा भी इस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जश्न-ए-आजादी के रंग में डूबे दिखाई दिए। उन्होंने कमर के ऊपर बाढ़ के पानी में पुलिस केंद्र में ध्वजारोहण किया।

इससे पूर्व एसडीएम और पुलिस अधीक्षक नौका पर सवार होकर बगहा पुलिस केंद्र पहुंचे और झंडे को सलामी देने के लिए कमर भर पानी में खड़े रहे। सलामी देने के लिए बिहार पुलिस, गृह रक्षा वाहिनी के जवानों ने बाढ़ के पानी में ही परेड में भाग लिया।

उल्लेखनीय है कि बगहा शहर पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है। बगहा में बाढ़ के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप है। बाढ़ का असर बिजली व्यवस्था पर भी पड़ा है। कई स्थानों पर बिजली के खंभे गिर गए हैं, जिससे दो दिनों से बिजली आपूर्ति ठप है।

उल्लेखनीय है कि बिहार के सीमांचल में स्थित 12 से ज्यादा जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य के विभिन्न जिलों के करीब 65.40 लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में है, जिसके कारण 41 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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